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आजमगढ़

ATS की छापेमारी में फूटा विदेशी कॉलिंग रैकेट का भांडा, सरकार को लगा भारी झटका

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उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में एटीएस ने एक अवैध इंटरनेशनल कॉल एक्सचेंज का पर्दाफाश किया है। आरोपी के पास से सैकड़ों सिम कार्ड, सिम बॉक्स और अन्य डिवाइस बरामद किए गए हैं। जानिए पूरी खबर विस्तार से।

जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट

आजमगढ़। उत्तर प्रदेश एटीएस ने एक बार फिर साइबर अपराधियों के नेटवर्क पर करारा प्रहार करते हुए आजमगढ़ जिले में अंतरराष्ट्रीय कॉलिंग के अवैध धंधे का खुलासा किया है। एटीएस की टीम ने रानी की सराय थाना क्षेत्र के कोटला गांव में छापेमारी कर हस्सान अहमद नामक युवक को गिरफ्तार किया है। वह अंतरराष्ट्रीय वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (VoIP) के माध्यम से विदेशी कॉल्स को लोकल वॉइस कॉल में बदलकर सरकार को भारी आर्थिक नुकसान पहुँचा रहा था।

गौरतलब है कि गिरफ्तार आरोपी के पास से चार सिम बॉक्स, तीन मॉडेम, दो लैपटॉप, छह मोबाइल फोन और कुल 269 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। यह बरामदगी साबित करती है कि यह कोई छोटा-मोटा नेटवर्क नहीं, बल्कि एक संगठित रैकेट है, जो लम्बे समय से सक्रिय था।

मुंबई से मिला था तकनीकी प्रशिक्षण

पूछताछ में आरोपी हस्सान ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने बताया कि वर्ष 2017 में मुंबई में शहजाद नाम के व्यक्ति से मुलाकात के बाद उसे यह तकनीक सिखाई गई। वर्ष 2023 के सितंबर महीने में शहजाद द्वारा डीटीडीसी कोरियर से भेजे गए सिम बॉक्स और सिम के जरिये उसने अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चलाना शुरू किया।

संगठित नेटवर्क की पुरानी जड़ें

यह पहली बार नहीं है जब आजमगढ़ में इस प्रकार का रैकेट पकड़ा गया हो। इससे पहले सितंबर 2023 में भी एटीएस ने छापेमारी कर छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। उनमें से पांच आजमगढ़ और एक मिर्जापुर जिले का निवासी था। यह आरोपी भी इंटरनेट कॉल को इंटरनेशनल गेटवे को बाईपास करते हुए लोकल कॉल में बदलते थे।

उनमें से एक आरोपी मुन्ना कुरैशी मिर्जापुर का निवासी था जबकि नदीम अहमद, दीवान, समीम, कलीम और फारूक आजमगढ़ के रहने वाले थे। खास बात यह है कि नाजिम और दीवान लंबे समय से अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे थे।

पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारियां

नदीम को पूर्व में भी गिरफ्तार किया जा चुका है। जिले के पूर्व पुलिस कप्तान अनुराग आर्य ने इस गिरोह को संगठित आपराधिक गैंग के रूप में चिन्हित करते हुए इसका कोड नंबर D-233 जारी किया था। यह दर्शाता है कि यह रैकेट कितनी गहराई से फैला हुआ था।

लखनऊ से भी जुड़े हैं तार

इसी कड़ी में फरवरी 2023 में एटीएस ने लखनऊ के गुडंबा क्षेत्र से सरफराज अहमद नामक आरोपी को गिरफ्तार किया था, जो कि आजमगढ़ के सरायमीर थाना क्षेत्र के बखरा गांव का निवासी था। वह लखनऊ के सुभाष नगर स्थित आरटीओ अपार्टमेंट के फ्लैट C3 में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चला रहा था।

अब भी नहीं रुक रहे ऐसे मामले

इन खुलासों के बावजूद अवैध एक्सचेंज का नेटवर्क रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आजमगढ़, मिर्जापुर, लखनऊ से लेकर मुंबई तक इसका जाल फैला हुआ है। हर बार गिरफ्तारी के बाद कुछ समय के लिए गतिविधियाँ मंद जरूर होती हैं, लेकिन फिर यह गोरखधंधा नए चेहरे और नए तौर-तरीकों के साथ शुरू हो जाता है।

यह मामला सिर्फ एक आरोपी की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उस गहरे नेटवर्क की परतें उजागर करता है, जो वर्षों से सरकार को आर्थिक नुकसान पहुँचा रहा है। यह आवश्यक हो गया है कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर ऐसे साइबर अपराधियों के खिलाफ एक सख्त और स्थायी नीति बनाए, ताकि इस अपराध पर पूरी तरह लगाम लगाई जा सके।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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