
फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप द्वारा ब्राह्मण समाज पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी से आजमगढ़ में उबाल। समाज के लोगों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की।
जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़। आजमगढ़ में फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप द्वारा ब्राह्मण समाज को लेकर की गई कथित अभद्र टिप्पणी के विरोध में जनाक्रोश चरम पर पहुंच गया है। दिनांक 22 अप्रैल 2025 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय, आजमगढ़ में विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने एकत्र होकर पुलिस अधीक्षक नगर शैलेंद्र लाल को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि अनुराग कश्यप ने हाल ही में ब्राह्मण जाति को लक्ष्य कर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी — “ब्राह्मणों पर मैं मूतुंगा” — की है, जिससे समाज में गहरा रोष व्याप्त है। इस बयान को समाज के सम्मान और गरिमा पर सीधा हमला माना गया है।
जनप्रतिनिधियों की तीखी प्रतिक्रिया
चौरसिया समाज के अध्यक्ष अरुण कुमार चौरसिया ने कहा,
“भारत में वसुधैव कुटुंबकम की विचारधारा को लेकर हम सभी एक साथ मिलजुल कर रहते हैं, परंतु कोई व्यक्ति यदि दुर्भावना से प्रेरित होकर जाति विशेष पर टिप्पणी करता है, तो यह अत्यंत निंदनीय है।”
उन्होंने आगे कहा कि यदि न्याय न मिला तो समाज सड़क पर उतरने को विवश होगा।
समाजसेवी गोविंद दुबे ने अनुराग कश्यप को “छिछोरा निर्माता-निर्देशक” करार देते हुए कहा कि ऐसी ओछी हरकतें सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का जरिया बन गई हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि समाज में शांति और सम्मान बना रह सके।
प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग
वक्ताओं का कहना था कि अगर प्रशासन ने इस प्रकरण को गंभीरता से नहीं लिया, तो जनता खुद न्याय करने को बाध्य होगी। समाज के लोगों ने चेताया कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे देशभर में आंदोलन करेंगे।
प्रमुख रूप से उपस्थित लोगों में सुजीत कुमार मिश्रा, निषेचन तिवारी, एडवोकेट अनिल तिवारी, ज्योति प्रकाश श्रीवास्तव, एडवोकेट उत्कर्ष सिंह, नितिन उपाध्याय, हर्षित तिवारी, मनोज मिश्रा साहू, अभिषेक उपाध्याय, निक्की और अन्य शामिल रहे।
इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है कि समाज अब सम्मान के मुद्दों पर चुप बैठने को तैयार नहीं। ब्राह्मण समाज के साथ-साथ अन्य वर्गों में भी गहरा आक्रोश है। ऐसे में प्रशासन पर यह जिम्मेदारी है कि वह तत्काल प्रभाव से कानूनी कार्रवाई करे और समाज की भावनाओं का सम्मान करे, ताकि सामाजिक सौहार्द बना रह सके।