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चित्रकूट

चित्रकूट: प्रबंध समिति से निष्कासन पर प्रधानाचार्य रणवीर सिंह चौहान का कड़ा ऐतराज, न्यायालय जाने की तैयारी

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चित्रकूट इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. रणवीर सिंह चौहान ने अतर्रा पीजी कॉलेज की प्रबंध समिति से अपने निष्कासन को अवैध बताया। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश करार देते हुए न्यायालय में अपील करने की घोषणा की। पूरी खबर पढ़ें!

चित्रकूट इंटर कॉलेज, कर्वी के प्रधानाचार्य डॉ. रणवीर सिंह चौहान ने अतर्रा पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, अतर्रा, बांदा की प्रबंध समिति से अपने निष्कासन को अवैध और मनमानी करार दिया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय कानूनी प्रक्रिया के विरुद्ध है और उनकी सामाजिक छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है।

बिना नोटिस निष्कासन, प्रधानाचार्य ने उठाए सवाल

डॉ. रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि वह लंबे समय से प्रबंध समिति के सदस्य रहे हैं, लेकिन सहायक रजिस्ट्रार ने बिना कोई नोटिस जारी किए और बिना उनका पक्ष सुने ही उन्हें सदस्य पद से निष्कासित कर दिया। उन्होंने इस निर्णय को संविधान के खिलाफ बताया और कहा कि यह न्यायसंगत नहीं है।

राजनीतिक साजिश का आरोप

डॉ. चौहान ने इस निष्कासन को राजनीतिक साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय पदाधिकारी हैं, और कुछ लोग उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह फैसला व्यक्तिगत दुश्मनी और द्वेष की वजह से लिया गया है।

शिक्षा नियमों का हवाला देते हुए दिया बड़ा बयान

उन्होंने दावा किया कि शिक्षा संहिता (Education Code) में ऐसा कोई नियम नहीं है जो यह कहता हो कि अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रबंध समिति के सदस्य नहीं हो सकते।

उन्होंने पूर्व उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा कि स्वर्गीय दीनानाथ पांडे भी प्राचार्य रहते हुए कई कॉलेजों के प्रबंधक रह चुके थे। उनका कहना है कि यदि अशासकीय कॉलेज के प्रधानाचार्य और शिक्षक चुनाव लड़ सकते हैं और राजनीति में भाग ले सकते हैं, तो प्रबंध समिति का हिस्सा क्यों नहीं बन सकते?

न्यायालय जाने की चेतावनी

डॉ. चौहान ने साफ कहा कि वह इस अन्याय के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रबंध समिति के कुछ लोग व्यक्तिगत खुन्नस के कारण उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि वह न्यायालय से इस गैर-कानूनी फैसले के खिलाफ कड़ा कदम उठाने की अपील करेंगे और दोषियों को सबक सिखाने का काम करेंगे।

यह मामला शिक्षा जगत में नियमों के दुरुपयोग और राजनीतिक हस्तक्षेप को उजागर करता है। अब देखना यह होगा कि डॉ. रणवीर सिंह चौहान की न्यायालय में अपील पर क्या फैसला आता है और क्या उन्हें प्रबंध समिति में फिर से बहाल किया जाता है या नहीं।

➡️संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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