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संपादकीय

शाबाश, टीम इंडिया: चैंपियंस ट्रॉफी में ऐतिहासिक जीत, विश्व क्रिकेट में नई इबारत

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अनिल अनूप

क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह गर्व का क्षण है। टीम इंडिया ने एक बार फिर खुद को चैंपियन साबित किया है, और वह भी एक ऐतिहासिक अंदाज में। चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर भारत तीसरी बार यह खिताब अपने नाम करने वाली इकलौती टीम बन गई है। यह जीत किसी विश्व कप खिताब से कम नहीं मानी जा सकती, क्योंकि टीम ने एक और आईसीसी टूर्नामेंट में अपना वर्चस्व कायम किया है।

लगातार दूसरी वैश्विक जीत: टीम इंडिया का स्वर्णिम युग

जून 2024 में, भारत ने टी-20 विश्व कप जीता था और अब महज नौ महीने बाद, एक और वैश्विक टूर्नामेंट जीतकर क्रिकेट जगत को यह संदेश दे दिया कि आज भारतीय टीम अजेय है। टीम इंडिया ने 2023 वनडे वर्ल्ड कप में भी अपराजेय रहते हुए फाइनल तक का सफर तय किया था, हालांकि वहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। लेकिन भारत की टीम प्रतिशोध की भावना से नहीं खेलती, बल्कि पेशेवर और रचनात्मक क्रिकेट के दम पर खुद को सर्वश्रेष्ठ साबित करती है।

भारत के स्टार खिलाड़ी: रोहित, विराट और शुभमन का दबदबा

अगर आज क्रिकेट में बल्लेबाजी की बात की जाए, तो रोहित शर्मा, शुभमन गिल और विराट कोहली का नाम शीर्ष पर आता है। ये तीनों ही खिलाड़ी वनडे क्रिकेट में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिने जाते हैं।

रोहित शर्मा आईसीसी टूर्नामेंट में 68 छक्के लगाकर सिरमौर बने हुए हैं।

उनके कुल 345 अंतरराष्ट्रीय छक्के उन्हें पाकिस्तान के शाहिद आफरीदी के बाद दुनिया का दूसरा सबसे आक्रामक बल्लेबाज बनाते हैं।

विराट कोहली ने 14,000 से अधिक वनडे रन बना लिए हैं, और अब उनके सामने सचिन तेंदुलकर के 18,000 रनों के रिकॉर्ड को तोड़ने की चुनौती है।

फाइनल में विराट का दमदार प्रदर्शन

इस टूर्नामेंट में विराट कोहली ने 200 से अधिक रन बनाए, जिसमें एक शतक भी शामिल है। उन्होंने 7 बार आईसीसी टूर्नामेंट में ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का पुरस्कार जीता है, जो सचिन (10) और रोहित (8) के बाद तीसरा सर्वश्रेष्ठ आंकड़ा है। 36 साल की उम्र में भी विराट की फिटनेस और मैदान पर फुर्ती किसी युवा खिलाड़ी से कम नहीं है।

गेंदबाजी में भारतीय स्पिन चौकड़ी का जलवा

भारत की जीत में स्पिन गेंदबाजों की भूमिका भी बेहद अहम रही। इस टूर्नामेंट में चार स्पिनर्स – वरुण चक्रवर्ती, कुलदीप यादव, रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल ने शानदार प्रदर्शन किया। इनकी सफलता ने 1960 और 80 के दशक की महान भारतीय स्पिन चौकड़ी – प्रसन्ना, बेदी, चंद्रशेखर और वेंकटराघवन की यादें ताजा कर दीं।

फाइनल में कुलदीप यादव ने ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ रचिन रवींद्र और केन विलियम्सन को लगातार दो ओवरों में आउट कर भारत को जीत की राह पर ला खड़ा किया।

श्रेयस अय्यर: मध्यक्रम के नए सितारे

इस टूर्नामेंट में श्रेयस अय्यर भारत के मध्यक्रम के सबसे मजबूत स्तंभ बनकर उभरे। फाइनल में, जब भारत के तीन प्रमुख बल्लेबाज महज 17 रनों के अंतराल में आउट हो गए, तब श्रेयस अय्यर और अक्षर पटेल ने टीम को संभाला और मैच जिताने में अहम भूमिका निभाई। इस प्रदर्शन ने अय्यर को टीम इंडिया का नया ‘राष्ट्रीय नायक’ बना दिया है।

जीत का जश्न: पूरे देश ने मनाई ऐतिहासिक रात

इस जीत का जश्न पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया। भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी सुनील गावस्कर और कपिल देव ने भी इस मौके पर भंगड़ा किया। यह जीत भारतीय क्रिकेट का एक नया स्वर्णिम अध्याय है, जिसने यह साबित कर दिया कि अब विश्व क्रिकेट में भारत का दबदबा है।

भारतीय क्रिकेट का उज्ज्वल भविष्य

यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि भारत के क्रिकेट वर्चस्व की नई शुरुआत है। टीम इंडिया अब एक संक्रमण काल से गुजर रही है, जहां वरिष्ठ खिलाड़ियों का अनुभव और युवा खिलाड़ियों की ऊर्जा मिलकर एक नई, अजेय भारतीय टीम बना रही है।

अब जब भारत के पास 7 आईसीसी खिताब हैं, यह कहना गलत नहीं होगा कि आज विश्व क्रिकेट की इबारत ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड या वेस्टइंडीज नहीं, बल्कि भारत लिख रहा है।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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