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13 February 2025 7:35 pm

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पशु पालकों को पशु रोगों की जानकारी और बचाव हेतु जागरूकता शिविर का आयोजन

42 पाठकों ने अब तक पढा

सोनू करवरिया की रिपोर्ट

नरैनी। पशुओं में होने वाले संक्रामक रोगों की रोकथाम और उनके समुचित देखभाल को लेकर राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत ब्लॉक नरैनी के सभागार कक्ष में एक जागरूकता शिविर और गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में क्षेत्र के कई पशु चिकित्सकों और पशुपालकों ने भाग लिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य खुरपका-मुंहपका (FMD) और ब्रुसेलोसिस जैसी घातक बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण पर विस्तार से चर्चा करना था।

खुरपका-मुंहपका (FMD) रोग: अत्यधिक संक्रामक बीमारी

गोष्ठी में नरैनी के पशु चिकित्सक डॉ. विजय कुमार कमल ने बताया कि सरकार ने 2025 तक खुरपका-मुंहपका रोग को नियंत्रित करने और 2030 तक इसे पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। यह रोग एक अत्यधिक संक्रामक वायरल संक्रमण है, जो गाय, भैंस, बकरी, भेड़ और सूअर जैसे दो खुर वाले पशुओं में तेजी से फैलता है।

खुरपका-मुंहपका (FMD) के लक्षण

तेज बुखार और सुस्ती, भूख न लगना, मुंह में अत्यधिक लार आना, मसूड़ों और जीभ पर फफोले और अल्सर

खुरों में घाव और सूजन

डॉ. कमल ने बताया कि यह रोग संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने, दूषित चारा खाने और वातावरण में मौजूद वायरस से फैलता है। इस बीमारी का कोई तत्काल उपचार संभव नहीं है, लेकिन समय पर टीकाकरण कर इससे बचाव किया जा सकता है। उन्होंने पशुपालकों को सलाह दी कि यदि किसी पशु में इस रोग के लक्षण दिखें, तो तत्काल टोल फ्री नंबर 1962 पर सूचना दें, जिससे पशु का उचित उपचार किया जा सके।

ब्रुसेलोसिस: पशुओं के प्रजनन को प्रभावित करने वाला रोग

कार्यक्रम में ब्रुसेलोसिस नामक बैक्टीरियल रोग पर भी चर्चा की गई, जो मुख्य रूप से गाय और भैंसों के प्रजनन तंत्र को प्रभावित करता है। यह ब्रुसेला एबॉर्टस बैक्टीरिया के कारण होता है और संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने से फैलता है।

ब्रुसेलोसिस के लक्षण : दूध उत्पादन में कमी

चिकित्सकों ने बताया कि यह रोग मनुष्यों में भी फैल सकता है, जिससे लगातार बुखार, रात में पसीना आना, भूख में कमी, वजन घटने और कमजोरी जैसे लक्षण उभर सकते हैं। उन्होंने पशुपालकों को सलाह दी कि वे अपने पशुओं का समय-समय पर टीकाकरण कराएं और उचित देखभाल करें।

सरकारी अनुदान और पशुपालकों को लाभ

गोष्ठी में यह भी बताया गया कि सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत पशुपालकों को अनुदान और सहायता दी जा रही है, जिससे वे अपने पशुओं की देखभाल कर अधिक दूध उत्पादन कर सकते हैं।

इस मौके पर करतल पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अभिषेक, डॉ. विष्णुकांत, पशु विशेषज्ञ छोटे लाल करवरिया, वेद प्रकाश पांडे, केशव वर्मा सहित बड़ी संख्या में पशुपालक मौजूद रहे।

इस कार्यक्रम ने पशुपालकों को पशु स्वास्थ्य, रोग नियंत्रण और सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें जागरूक किया। पशुपालकों को पशुओं की देखभाल में सतर्कता बरतने और नियमित टीकाकरण करवाने के लिए प्रेरित किया गया।

मुख्य व्यवसाय प्रभारी
Author: मुख्य व्यवसाय प्रभारी

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