जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़। मेहनगर थाना क्षेत्र के ग्राम जयनगर की रहने वाली करिश्मा सिंह को आखिरकार लंबी कानूनी लड़ाई के बाद न्याय मिलना शुरू हुआ, जब पुलिस ने उनके पति विवेक सिंह को भरण-पोषण की रकम न देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
शादी के बाद उत्पीड़न का आरोप
करिश्मा की शादी 15 मई 2017 को हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार विवेक सिंह, पुत्र अरविंद सिंह, निवासी ग्राम जयनगर से हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही करिश्मा को ससुराल में मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। उसने अपने पति और ससुरालवालों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया।
करिश्मा का आरोप है कि 20 नवंबर 2019 को उसके पति और ससुरालवालों ने मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया। मजबूर होकर उसने दहेज उत्पीड़न और भरण-पोषण को लेकर न्यायालय में मुकदमा दायर किया।
न्यायालय ने दिए भरण-पोषण के आदेश, पति ने नहीं दी रकम
करिश्मा के मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने पति विवेक सिंह को आदेश दिया कि वह प्रति माह ₹3500/- भरण-पोषण के रूप में अदा करे। हालांकि, आदेश के बावजूद विवेक सिंह ने अब तक कोई धनराशि नहीं दी।
इसके बाद, न्यायालय ने सख्ती दिखाते हुए डीआईजी आजमगढ़ को निर्देश दिया कि आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जाए।
लखनऊ से गिरफ्तार हुआ आरोपी पति
न्यायालय के आदेश के बाद सिधारी थाना पुलिस ने शनिवार देर रात लखनऊ के हजरतगंज स्थित ‘कालिका हाउस रेस्टोरेंट’ के संचालक विवेक सिंह को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को आजमगढ़ लाया गया और उसे न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।
मामले में आगे की कार्रवाई
पुलिस का कहना है कि भरण-पोषण का पैसा न देना अदालत की अवमानना के दायरे में आता है और इस आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। अब न्यायालय तय करेगा कि विवेक सिंह को सजा दी जाएगी या उसे रकम अदा करने का एक और मौका मिलेगा।
पीड़िता को न्याय की उम्मीद
करिश्मा ने कहा कि पति और ससुराल वालों ने उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी, लेकिन अब उसे कानून पर भरोसा है। उसने उम्मीद जताई कि न्यायालय उसे जल्द ही न्याय दिलाएगा और उसके भरण-पोषण का भुगतान सुनिश्चित करेगा।
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Author: मुख्य व्यवसाय प्रभारी
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