छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में एक प्रधानपाठक शराब के नशे में स्कूल पहुंचा और क्लासरूम बंद कर सो गया। बच्चों को स्कूल के बाहर घंटों इंतज़ार करना पड़ा। बीईओ की शिकायत पर शिक्षक निलंबित। पढ़ें पूरी घटना विस्तार से।
स्थान: लोरमी ब्लॉक, मुंगेली जिला, छत्तीसगढ़
तारीख: 10 जुलाई, 2025 की घटना (वीडियो वायरल होने के बाद सामने आई)
हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ में सरकारी विद्यालयों में लापरवाह शिक्षकों की करतूतें थमने का नाम नहीं ले रहीं। हालिया मामला मुंगेली जिले के लोरमी ब्लॉक स्थित सिंघनपुरी प्राथमिक शाला का है, जहां प्रधानपाठक सतनाम दास ने शिक्षक की मर्यादा को तार-तार कर दिया।
बताया जा रहा है कि 10 जुलाई की सुबह जब स्कूल खुलने का समय था, उसी दौरान हेडमास्टर सतनाम दास भारी नशे की हालत में स्कूल पहुंचे। उन्होंने आते ही स्कूल गेट और कक्षा का दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया और क्लासरूम के भीतर ही सो गए।
मासूम बच्चों को मिला ताले का जवाब
इस पूरी घटना में सबसे अधिक प्रभावित वे मासूम बच्चे रहे, जो रोज की तरह स्कूल समय पर पहुंचे थे। काफी देर तक जब स्कूल नहीं खुला, तो बच्चे बाहर धूप में बैठकर शिक्षक का इंतजार करते रहे। किसी ने न पानी पूछा, न पढ़ाई हुई और न ही कोई देखरेख। जब आस-पास के ग्रामीणों को बच्चों की यह हालत दिखी, तो उन्होंने इसकी सूचना शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी।
बीईओ मौके पर पहुंचीं, कार्रवाई तुरंत हुई
जैसे ही घटना की जानकारी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) प्रतिभार मंडलोई को मिली, वह तत्काल स्कूल पहुंचीं। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और जब उन्होंने हेडमास्टर को नशे में सोता पाया, तो घटना की रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी।
उधर, मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसने शिक्षा विभाग को त्वरित कार्रवाई के लिए बाध्य कर दिया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि प्रधानपाठक का शरीर लड़खड़ा रहा है और वह पूरी तरह से नशे में हैं।
सतनाम दास निलंबित, जांच के आदेश
शिक्षा विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रधानपाठक सतनाम दास को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, इस मामले में अनुशासनात्मक जांच के भी आदेश दिए गए हैं, ताकि आगे की कार्रवाई तय की जा सके।
यह घटना न केवल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि ग्रामीण इलाकों में बच्चों की शिक्षा के साथ किस हद तक खिलवाड़ हो रहा है। स्कूल एक पवित्र स्थल माना जाता है, जहां बच्चों को ज्ञान और संस्कार दिए जाते हैं, लेकिन जब शिक्षक ही नशे में चूर होकर अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ लें, तो भविष्य की कल्पना डरावनी हो जाती है।
अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर पाता है या यह भी अन्य मामलों की तरह सिर्फ एक “वायरल वीडियो प्रकरण” बनकर रह जाएगा।