google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
खास खबर

सीएम योगी के मैनेजमेंट ने लिखी यूपी में सपा की हार की कहानी

IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
IMG_COM_202505222101103700

अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक कद लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसका प्रमाण हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा उपचुनावों के नतीजों में देखने को मिला। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पिछले वर्ष हुए नौ विधानसभा सीटों के उपचुनावों में से आठ पर जीत दर्ज की थी। अब, अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी भाजपा ने बड़ी सफलता हासिल की। इस जीत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ न केवल एक सशक्त प्रशासक हैं, बल्कि एक कुशल रणनीतिकार भी हैं।

अयोध्या में मिली हार का करारा जवाब

उत्तर प्रदेश में हुए उपचुनावों में भाजपा की जीत का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया जा रहा है। पार्टी की इस सफलता के पीछे संगठित रणनीति, सटीक जातीय गणित, बेहतर प्रशासनिक समन्वय और कठिन परिश्रम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पार्टी ने चुनावी अभियान में पूरी ताकत झोंक दी, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यक्तिगत रूप से चुनावी रणनीति का नेतृत्व किया।

अयोध्या लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) की जीत भाजपा के लिए बड़ा झटका थी। यहां तक कि राम मंदिर के उद्घाटन के बावजूद सपा ने यह सीट भाजपा से छीन ली थी। समाजवादी पार्टी ने अवधेश प्रसाद को “सामाजिक न्याय” का चेहरा बनाकर लोकसभा चुनाव में अयोध्या सीट पर जीत दर्ज की थी। लेकिन, मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी और शानदार जीत दर्ज कर अयोध्या में मिली हार का जवाब दे दिया।

अवधेश प्रसाद ने अपने बेटे को चुनाव में जिताने के लिए कई राजनीतिक दांव-पेंच आजमाए, यहां तक कि भावनात्मक अपील भी की और दलित कार्ड खेलने की कोशिश की, लेकिन भाजपा की सशक्त रणनीति के आगे उनकी सभी चालें बेअसर साबित हुईं।

मिल्कीपुर की ऐतिहासिक जीत

आप को यह भी पसंद आ सकता है  अनुसूचित जाति/जनजाति संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ, पुनाराम सांसी को जिलाध्यक्ष, यूथ विंग बनाया गया

मिल्कीपुर में भाजपा की जीत इतनी प्रभावशाली रही कि इसकी गूंज लंबे समय तक सुनाई देती रहेगी। इस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी पूरी तरह से पिछड़ गई। चुनावी मुकाबला एकतरफा रहा और समाजवादी पार्टी की सभी रणनीतियां विफल हो गईं। अखिलेश यादव और उनकी सांसद पत्नी डिंपल यादव के प्रचार अभियान और रोड शो का भी कोई असर नहीं दिखा। इसके विपरीत, भाजपा की रणनीति पूरी तरह से सफल रही और पार्टी ने एक मजबूत जनाधार कायम किया।

सीएम योगी बने भाजपा की जीत की गारंटी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब केवल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि भाजपा के लिए “जीत की गारंटी” का चेहरा बन चुके हैं। मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा की जीत के पीछे सबसे बड़ी भूमिका सीएम योगी की रही। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र का छह बार दौरा किया और दो विशाल जनसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने विपक्षी दलों, खासतौर पर समाजवादी पार्टी, पर जमकर निशाना साधा और भाजपा की योजनाओं और विकास कार्यों को जनता के सामने प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया।

भाजपा की बड़ी चुनावी सफलताएं

मिल्कीपुर की जीत भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रही। इससे पहले कटेहरी और कुंदरकी विधानसभा सीटों पर भी पार्टी ने अप्रत्याशित जीत दर्ज की थी। इन तीनों सीटों पर अलग-अलग समीकरणों को तोड़ते हुए भाजपा ने जीत हासिल की। कुंदरकी में 69% से अधिक अल्पसंख्यक मतदाताओं के बावजूद भाजपा की जीत बड़ी उपलब्धि मानी गई। वहीं, कटेहरी में जातीय समीकरणों को ध्वस्त कर पार्टी ने भगवा लहराया।

आप को यह भी पसंद आ सकता है  "साहब! मेरी 31 बकरियां चोरी हो गईं केस दर्ज कीजिए"; तो पढ़िए पुलिस ने कैसी गैरजिम्मेदाराना राय दी...

भाजपा की जीत का फॉर्मूला

भाजपा ने उपचुनावों में जीत हासिल करने के लिए पहले से कहीं अधिक सशक्त संगठन तैयार किया। पार्टी के महामंत्री संगठन ने जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया और बूथ स्तर तक मजबूत रणनीति बनाई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में भाजपा की चुनावी रणनीति पूरी तरह से संगठित रही। टिकट बंटवारे से लेकर प्रचार अभियान तक, हर निर्णय में सीएम योगी की अहम भूमिका रही। भाजपा ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान विकास कार्यों को प्रमुखता दी, जिसका असर साफ नजर आया।

इसके अलावा, भाजपा ने बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को पूरी तरह सक्रिय रखा, जिससे पार्टी की पकड़ मतदाताओं तक मजबूत बनी रही। भाजपा ने हर वर्ग को अपने साथ जोड़ने की रणनीति अपनाई, जिससे जातीय और सांप्रदायिक राजनीति कमजोर हो गई।

मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा की जीत ने साबित कर दिया कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक कद और जनाधार लगातार मजबूत हो रहा है। इस जीत ने न केवल भाजपा को नई ऊर्जा दी, बल्कि 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी को और अधिक उत्साहित कर दिया है। उत्तर प्रदेश में भाजपा के बढ़ते वर्चस्व और योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले चुनावों में भी भाजपा मजबूत स्थिति में बनी रहेगी।

364 पाठकों ने अब तक पढा
samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

आप को यह भी पसंद आ सकता है  चोरी के दौरान हुये गोलीकाण्ड का पुलिस ने किया खुलासा, दो गिरफ्तार

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close
Close