सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
संभल। जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने हाल ही में रमणरेती स्थित श्रीराधा केलि कुंज आश्रम में संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की। इस अवसर पर संत प्रेमानंद महाराज ने डीएम को राधा रानी का प्रसादी पटुका भेंट किया और निडर एवं निष्पक्ष होकर अपने कर्तव्यों का पालन करने की प्रेरणा दी। संत ने प्रशासनिक सेवा को ईश्वर का आशीर्वाद बताते हुए, इसे निष्ठा और ईमानदारी से निभाने की सलाह दी।
निडर और निष्पक्ष रहकर सेवा का संदेश
संत प्रेमानंद महाराज ने डॉ. पेंसिया को संबोधित करते हुए कहा कि प्रशासनिक सेवा का अवसर भगवान की कृपा से मिलता है। इसलिए इसे समर्पण और धैर्य के साथ निभाना चाहिए। उन्होंने डीएम को लालच और भय से बचने की सलाह देते हुए कहा कि जीवन में अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति सजग रहकर देश की सेवा करनी चाहिए।
ईश्वर स्मरण और साधना का महत्व
संत ने भगवान के स्मरण और जाप के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि जीवन का असली लक्ष्य ईश्वर की प्राप्ति है। उन्होंने डीएम को भजन और साधना को जीवन का हिस्सा बनाने की प्रेरणा दी। कुरुक्षेत्र में अर्जुन और श्रीकृष्ण के बीच हुए संवाद का उल्लेख करते हुए संत ने कहा कि अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए भगवान का नाम जपें और समाज व देश की सेवा करें।
डॉ. राजेंद्र पेंसिया: एक प्रेरणादायक प्रशासनिक यात्रा
डॉ. राजेंद्र पेंसिया का जन्म 10 अगस्त 1983 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में हुआ। उन्होंने बीकॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद 2005 में तृतीय श्रेणी शिक्षक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। शिक्षक बनने के बाद उन्होंने प्रशासनिक सेवा में जाने का निर्णय लिया और सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) की तैयारी शुरू की।
हालांकि, यूपीएससी में पहली बार सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने अपने प्रयास जारी रखे। उन्होंने राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) परीक्षा पास की और बीडीओ के पद पर चयनित हुए। इसके बाद उन्होंने आरएएस परीक्षा में 2011 में आठवीं रैंक हासिल की और डिप्टी कलेक्टर बने।
यूपीएससी में पांचवीं बार सफलता
डॉ. पेंसिया ने एसडीएम बनने के बाद भी यूपीएससी की तैयारी जारी रखी। पांचवें प्रयास में उन्होंने 2015 में यूपीएससी परीक्षा पास की और 345वीं रैंक हासिल की। 7 सितंबर 2015 को उन्हें आईएएस के पद पर नियुक्त किया गया।
प्रशासनिक सेवाओं में योगदान
डॉ. राजेंद्र पेंसिया की पहली पोस्टिंग 4 मई 2016 को मिर्जापुर में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में हुई। इसके बाद उन्होंने इटावा, मथुरा, और फर्रुखाबाद में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएँ दीं। 25 जून 2024 को उन्हें संभल का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया, जो उनके करियर का पहला डीएम पद है।
संत की प्रेरणा से बढ़ी नई ऊर्जा
संत प्रेमानंद महाराज के प्रेरक विचारों से प्रेरित होकर डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने संत को आश्वासन दिया कि वह ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे। यह मुलाकात न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन में बल्कि प्रशासनिक कार्यों में भी नई ऊर्जा प्रदान करेगी।
संभल के जिलाधिकारी के रूप में डॉ. राजेंद्र पेंसिया की यह यात्रा और संत प्रेमानंद महाराज का आशीर्वाद, समाज और प्रशासन के लिए प्रेरणादायक साबित होगा।