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लखनऊ

कायम है अभी इंडिया गठबंधन, चुनावी खटपट के बीच सपा मुखिया का बड़ा दावा

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने हाल ही में इंडिया गठबंधन में किसी भी प्रकार की तकरार या मतभेद की बातों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह गठबंधन भाजपा के खिलाफ क्षेत्रीय दलों को एकजुट करने के उद्देश्य से बना है और समाजवादी पार्टी इसे मजबूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। अखिलेश यादव का यह बयान उस समय आया है, जब विपक्ष के अन्य दलों के बीच कुछ मुद्दों पर असहमति की खबरें सामने आ रही हैं।

दिल्ली चुनाव: कांग्रेस और आप आमने-सामने

दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। हालांकि, इंडिया गठबंधन के कई दलों ने अरविंद केजरीवाल की पार्टी को अपना समर्थन दिया है। इस स्थिति ने गठबंधन में खटपट की अटकलों को और हवा दी है।

कांग्रेस का रुख

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस विषय पर बात करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन का उद्देश्य केवल लोकसभा चुनाव लड़ना नहीं था, बल्कि देश की आत्मा की रक्षा करना भी है। उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन ने भाजपा के प्रभुत्व को कई क्षेत्रों में चुनौती दी है। मनीष तिवारी ने भविष्य की रणनीति पर जोर देते हुए कहा कि इसे गठबंधन के सभी नेताओं द्वारा सामूहिक रूप से तय किया जाएगा।

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गठबंधन की बैठक को लेकर उमर अब्दुल्ला की चिंता

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गठबंधन के भविष्य को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि गठबंधन के एजेंडे और दिशा को लेकर स्पष्टता की कमी है, क्योंकि लंबे समय से कोई बैठक नहीं हुई है। अब्दुल्ला ने सुझाव दिया कि दिल्ली चुनावों के बाद इंडिया गठबंधन के सभी सहयोगियों को एक मंच पर बुलाकर भविष्य की रणनीति पर चर्चा करनी चाहिए।

शिवसेना (यूबीटी) की नाराजगी

शिवसेना (यूबीटी) के नेता और सांसद संजय राउत ने गठबंधन की एकता बनाए रखने में असफल रहने का आरोप कांग्रेस पर लगाया। राउत ने कहा कि कांग्रेस, गठबंधन का सबसे बड़ा दल होने के नाते, इसे एकजुट रखने की जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रही। उन्होंने उमर अब्दुल्ला की चिंताओं का समर्थन करते हुए कहा कि गठबंधन के कई प्रमुख नेता इसकी वर्तमान स्थिति से असंतुष्ट हैं।

अरविंद केजरीवाल का स्पष्ट रुख

दिल्ली चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने गठबंधन से अलग रहने का फैसला किया है। उन्होंने इसे आप और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला बताया। हालांकि, उन्होंने चुनाव में समर्थन देने के लिए ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और उद्धव ठाकरे जैसे नेताओं का आभार भी व्यक्त किया।

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अखिलेश यादव का बयान: एकजुटता की अपील

इन तमाम अटकलों और असहमति के बावजूद अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन की प्रासंगिकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विकल्प है और क्षेत्रीय दलों को साथ लाने का प्रयास जारी रहेगा।

गठबंधन का भविष्य

भले ही गठबंधन के भीतर असहमति के स्वर उभर रहे हों, लेकिन अधिकांश दल अभी भी इसके मूल उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं। आगामी बैठकें और चुनावी रणनीतियां तय करेंगी कि इंडिया ब्लॉक भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों का एक प्रभावी मंच बन पाता है या नहीं।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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