google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
लखनऊ

जब संसद में गरजे सांसद चंद्रशेखर रावण तो हो गई बोलती बंद सभापति की

IMG-20250425-WA1620
IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
Green Modern Medical Facebook Post_20250505_080306_0000
IMG-20250513-WA1941
373 पाठकों ने अब तक पढा

अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट 

उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद ने शनिवार को लोकसभा में संविधान पर हो रही चर्चा के दौरान केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह आलोचकों को दबाने के लिए उन्हें जेल में डालती है। चंद्रशेखर आजाद ने विशेष रूप से आजम खान का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें राजनीतिक विरोध के कारण जेल में रखा गया है।

सभापति से हुई बहस

चर्चा के दौरान जब सभापति ने चंद्रशेखर आजाद को दिए गए 4 मिनट के समय समाप्त होने की बात कही, तो उन्होंने इस पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “क्या यहां भी दलितों को बोलने नहीं दिया जाएगा? अगर सभी को चार मिनट का समय दिया जा रहा है, तो मुझे भी उतना समय चाहिए। दलितों के साथ यह भेदभाव नहीं चलेगा।” उन्होंने जोर देकर कहा कि वह किसी की दया पर नहीं बल्कि अपनी पार्टी के टिकट पर जीतकर सदन में आए हैं।

संविधान पर जोरदार भाषण

चंद्रशेखर आजाद ने संविधान की गौरवशाली यात्रा पर बात करते हुए कहा कि संविधान के भाग-1 में “इंडिया दैट इज भारत” लिखा है, लेकिन नेता “भारत” कहने से बच रहे हैं। उन्होंने इस पर सवाल उठाया कि क्या संविधान की मूल भावना का पालन हो रहा है।

आजाद ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के बावजूद, सामाजिक और आर्थिक जीवन में समानता की कमी आज भी बरकरार है। उन्होंने कहा कि संविधान गरीबों, दलितों और वंचितों को समान अधिकार देता है, लेकिन व्यवहार में इन अधिकारों को लागू करने में सरकारें विफल रही हैं।

सामाजिक न्याय और भेदभाव पर सवाल

उन्होंने सरकार से सवाल किया कि कितने दलित मुख्यमंत्री बनाए गए हैं और कितनी महिलाएं मुख्यमंत्री बनी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद आरक्षण को सही ढंग से लागू नहीं किया। उन्होंने ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण की स्थिति पर भी सवाल उठाया।

चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि आज भी भारत में दलितों के साथ भेदभाव होता है। उन्होंने उदाहरण दिया कि दलितों को घोड़ी पर चढ़ने से रोका जाता है, मूंछें रखने पर उनकी हत्या होती है, और दलित बच्चियों के साथ हिंसा और बलात्कार की घटनाएं होती हैं। उन्होंने कहा कि “एनसीआरबी का डेटा देखेंगे तो डर लगने लगेगा।”

सरकार की आलोचना से डरने का आरोप

चंद्रशेखर आजाद ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार आलोचना बर्दाश्त नहीं करती और विरोधियों को जेल में डाल देती है। उन्होंने कहा कि अमीर और गरीब के बीच की खाई लगातार बढ़ रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि “यह अमृतकाल है या धमकी काल?”

उन्होंने संविधान को दलितों, मुसलमानों और ईसाइयों के अधिकारों का संरक्षक बताते हुए कहा कि आज भी इनके धार्मिक अधिकार सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अजमेर, संभल और अयोध्या की घटनाएं इस बात के उदाहरण हैं कि धार्मिक स्वतंत्रता पर संकट बना हुआ है।

संविधान की महत्ता पर जोर

अपने भाषण के अंत में चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि संविधान ने यह सुनिश्चित किया कि राजा-महाराजाओं की परंपरा खत्म हो और लोकतंत्र में आम आदमी के वोट से नेता चुना जाए। उन्होंने कहा कि अगर संविधान न होता, तो आज वंचित समुदायों की आवाज सत्ता के गलियारों तक न पहुंच पाती।

samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close
Close