सोनू करवरिया की रिपोर्ट
नरैनी – किसानों को डीएपी खाद की सख्त जरूरत के बीच आज नरैनी में खाद वितरण को लेकर भारी अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला।
सहकारी समितियों और संघों के संचालकों एवं कर्मचारियों को किसानों की भीड़ संभालने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। भारी संख्या में तैनात पुलिस बल के बावजूद किसानों के बीच खाद पाने की होड़ में धक्का-मुक्की और आपसी तकरार हो गई, जिसमें कई किसानों को हल्की-फुल्की चोटें आईं।
सुबह से लगी कतारें, समिति प्रबंधकों की हालत खराब
नरैनी स्थित सहकारी समिति बी पैक्स के सामने सुबह से ही किसानों की लंबी कतारें लगनी शुरू हो गईं। किसानों की भारी भीड़ देखकर समिति के कर्मचारियों को जल्द ही स्थिति बिगड़ने का अंदेशा हो गया, जिसके बाद उन्होंने स्थिति पर काबू पाने के लिए थाना नरैनी से मदद मांगी। कोतवाली प्रभारी राम मोहन राय ने तुरंत पुलिस बल भेजा, जिसके बाद खाद का वितरण शुरू कराया गया। हालांकि, भीड़ इतनी ज्यादा थी कि पुलिस की मौजूदगी में भी किसानों के बीच खाद पाने की होड़ में धक्का-मुक्की होने लगी।
कालिंजर संघ में भी छाई अव्यवस्था, वितरण रहा बाधित
नरैनी के अलावा कालिंजर संघ और अन्य समितियों में भी स्थिति कुछ ऐसी ही रही। भीड़ इतनी अधिक थी कि कई जगहों पर खाद वितरण सुचारू रूप से नहीं हो सका। क्षेत्र के किसान दिनेश कुमार, राजेश कुमार, विपिन, सुरेश, मोहन, रामू, लवकुश, भागवत, लोचन और रामनारायण ने बताया कि पिछले एक महीने से डीएपी खाद की भारी किल्लत चल रही है। इस बार काफी दिनों बाद डीएपी की खेप आने से किसानों में जबरदस्त उत्साह था, लेकिन इसी कारण भीड़ भी जरूरत से ज्यादा हो गई।
खेतों में बुवाई का समय, डीएपी की मांग चरम पर
किसानों के अनुसार, इस समय रबी फसलों की बुवाई के चलते डीएपी की भारी मांग है। खेतों में फसलों की बुआई का सबसे उपयुक्त समय यही है, ऐसे में हर किसान जल्द से जल्द खाद पाने की कोशिश में जुटा हुआ है। लेकिन आपूर्ति कम होने के कारण समितियों में लंबी कतारें और अव्यवस्था बनी हुई है।
प्रशासन की सख्ती, बाहर के किसानों को नहीं मिलेगा खाद
इस मामले पर एसडीएम नरैनी सत्य प्रकाश ने कहा कि खाद वितरण केवल क्षेत्रीय किसानों के लिए ही किया जा रहा है और वह भी पुलिस की निगरानी में। अगर किसी समिति संचालक या कर्मचारी द्वारा बाहरी किसानों को खाद दिया गया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे संयम बनाए रखें और अफरा-तफरी की स्थिति से बचें।
इस घटना ने क्षेत्र में खाद आपूर्ति की चुनौतियों को उजागर किया है। किसानों को राहत देने के लिए प्रशासन को जल्द ही बेहतर प्रबंधन की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।