संतोष कुमार सोनी की रिपोर्ट
बांदा। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में इस बार रबी की फसल की बुआई किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रही है। जिले में खाद की भारी कमी के चलते बुआई पिछड़ रही है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। कई किसानों का कहना है कि अगर आगामी दस दिनों में उन्हें खाद नहीं मिलती, तो खेतों की नमी समाप्त हो जाएगी, जिससे फसलों के उत्पादन पर सीधा नकारात्मक असर पड़ेगा।
नकली खाद का कारोबार तेज़, माफिया सक्रिय
इस संकट का लाभ उठाते हुए नकली खाद का कारोबार करने वाले माफिया सक्रिय हो गए हैं। ये माफिया लाइसेंस की आड़ में नकली खाद का धंधा चला रहे हैं। चार दिन पहले प्रशासनिक अधिकारियों ने नवाब टैंक स्थित एक गोदाम पर छापा मारकर 40 बोरी नकली खाद और उसके निर्माण में उपयोग किए जाने वाले उपकरण जब्त किए। इसके बाद, बिसंडा थाना क्षेत्र के ओरन में भी नकली खाद का बड़ा भंडार पकड़ा गया। जिलाधिकारी के निर्देश पर राजस्व और कृषि विभाग की टीम ने ओरन कस्बे में छापेमारी की, जिसमें दुकानों से 167 बोरी और गोदामों से 280 बोरी नकली खाद बरामद की गई। इस तरह कुल 447 बोरी नकली खाद पकड़ी गई, जिसे सील कर सैंपल की जांच के लिए भेजा गया है।
नकली खाद बनाने में इस्तेमाल हो रहे रसायन
बांदा और ओरन से बरामद नकली खाद के नमूनों में कैल्शियम सल्फेट (जिप्सम), प्रोम, और एनपीके (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश) जैसे केमिकल पाए गए। इससे यह स्पष्ट होता है कि नकली खाद का यह धंधा बुंदेलखंड से लेकर मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों तक फैला हुआ है। अधिकारियों का मानना है कि इस अवैध नेटवर्क में एक दर्जन से अधिक व्यापारी शामिल हैं, जो वैध लाइसेंस की आड़ में नकली खाद बेच रहे हैं।
नकली खाद बनाने की प्रक्रिया
नकली खाद बनाने वाले कारोबारी जिप्सम, प्रोम, एनपीके केमिकल और अन्य केमिकल्स का इस्तेमाल कर खाद को असली जैसा बनाने की कोशिश करते हैं। इसे इफको और अन्य प्रमुख ब्रांड्स की बोरियों में भरकर किसानों को सरकारी दर से भी ऊँची कीमत पर बेचा जाता है, ताकि किसानों को भ्रमित किया जा सके और किसी को शक न हो।
कृषि विभाग की जांच और आगे की कार्रवाई
कृषि विभाग के उप निदेशक विजय कुमार ने जानकारी दी कि नकली खाद की पुष्टि फिलहाल नहीं हुई है, लेकिन संदिग्ध नमूनों को परीक्षण के लिए भेजा गया है। हाल ही में पुलिस लाइन के पास भी नकली खाद का मामला सामने आया, जिसमें एक आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। सैंपल रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इस घटनाक्रम से साफ है कि नकली खाद का कारोबार किसानों के लिए एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। ऐसे में प्रशासन और कृषि विभाग को इस पर कड़ी नजर रखते हुए सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि किसानों को सही खाद मिल सके और उनकी मेहनत बर्बाद न हो।