दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
चित्रकूट जिले के मानिकपुर विकास खंड की ग्राम पंचायत रूखमा बुजुर्ग में विकास कार्यों में बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप लगे हैं। ग्राम प्रधान और सचिव की मिलीभगत से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत चल रहे कार्यों में कथित तौर पर अनियमितताएं सामने आई हैं। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि योजनाओं के तहत किए जाने वाले कार्य मशीनों से पूरे किए जा रहे हैं, जिससे ग्रामीण श्रमिक रोजगार से वंचित रह जाते हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि कई कार्यों के लिए फर्जी मस्टर रोल भरकर बिना वास्तविक काम किए भुगतान लिया जा रहा है। जिला प्रशासन से लगातार शिकायतों के बावजूद केवल दिखावे की जांचें की गईं और कार्रवाई के नाम पर लीपापोती होती रही।
पंचायत निधियों में भी अनियमितता
राज्य वित्त, पंद्रहवें वित्त और अन्य ग्राम निधियों से कराए जा रहे कार्यों में भी धांधली की बात कही जा रही है। पंचायत भवनों के कायाकल्प, विद्यालयों की मरम्मत, बाउंड्री वॉल निर्माण, टाइल्स बिछाने और इंटरलॉकिंग खड़ंजा निर्माण जैसे कार्यों में कथित रूप से फर्जीवाड़ा हुआ है। ग्रामीणों का आरोप है कि इन कार्यों में तकनीकी सहायकों और कंसल्टिंग इंजीनियरों ने मिलीभगत से सरकारी धन का दुरुपयोग किया।
जांच की मांग और जागरूकता अभियान
“चलो गांव की ओर” जागरूकता अभियान’ के संस्थापक संजय सिंह राणा ने प्रधानमंत्री को संबोधित एक आवेदन में आरोप लगाया कि जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी को शिकायत करने के बावजूद उचित जांच नहीं की गई। उन्होंने आग्रह किया है कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए ताकि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई हो सके और ग्रामीणों को मनरेगा योजना का सही लाभ मिले।
सरकारी राजस्व की चोरी का आरोप
राणा ने यह भी दावा किया कि निर्माण कार्यों में स्थानीय पहाड़ों से अवैध खनन कर खनिज सामग्री का उपयोग किया गया, जिससे राजस्व की चोरी हुई। उनका कहना है कि विकास कार्यों में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने और ग्रामीणों को रोजगार देने के उद्देश्य से शुरू की गई योजनाओं को सही रूप से लागू करना अत्यंत आवश्यक है।
ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही इस अनदेखी पर रोक लगाने के लिए, राणा ने सरकार से आवश्यक कार्रवाई की उम्मीद जताई है।