दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
अयोध्या में हाल ही में आयोजित दीपोत्सव के भव्य कार्यक्रम को लेकर राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद ने आरोप लगाया है कि उन्हें इस महत्वपूर्ण आयोजन में आमंत्रित नहीं किया गया। अवधेश प्रसाद ने कहा कि यदि उन्हें आमंत्रित किया गया होता, तो वे भी दीपोत्सव में अपनी भागीदारी दर्ज कराते। उनका यह भी कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) त्योहारों का राजनीतिकरण कर रही है, जिससे इस तरह के आयोजन एक पार्टी विशेष के कार्यक्रम बनकर रह गए हैं।
प्रसाद ने कहा, “मैं फैजाबाद से लोकसभा सांसद हूं और इस नाते मुझे भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाना चाहिए था।” उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी अब त्योहारों को अपने राजनीतिक हितों के लिए उपयोग कर रही है, जिससे कार्यक्रम का सार्वजनिक महत्व कम होता जा रहा है।
इस आरोप के जवाब में अयोध्या से बीजेपी के विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने पलटवार किया और कहा कि अवधेश प्रसाद को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में निमंत्रण भेजा गया था। गुप्ता ने यह भी कहा कि सांसद अब तक अयोध्या में दर्शन करने के लिए समय नहीं निकाल पाए, जबकि दीपोत्सव जैसा विश्वविख्यात आयोजन उनकी आलोचना का विषय बन गया है। उन्होंने इसे ‘ओच्छी राजनीति’ करार दिया।
इस बार अयोध्या के दीपोत्सव ने दो नए विश्व रिकॉर्ड बनाए। एक रिकॉर्ड सरयू नदी के तट पर सबसे अधिक लोगों द्वारा एक साथ आरती करने का था, और दूसरा रिकॉर्ड सबसे अधिक दीयों के प्रज्वलन का। दीपोत्सव के दौरान 25 लाख से अधिक दीये जलाए गए, जबकि 1,121 ‘वेदाचार्यों’ ने एक साथ आरती की। दीयों की गिनती ड्रोन के माध्यम से की गई, जिससे आयोजन की भव्यता प्रमाणित हुई।
पिछले वर्षों के आंकड़ों की बात करें तो 2017 में 1.71 लाख दीये जलाए गए थे, जो 2023 में बढ़कर 22.23 लाख तक पहुंच गए थे। इस वर्ष 2024 में, कुल 25.12 लाख दीये जलाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया गया, जिसने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए।