कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
हर साल त्योहारों के दौरान घर लौटने की चाह में रेलवे स्टेशनों पर उमड़ने वाली भीड़ ने एक बार फिर से स्थिति को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। विशेषकर, दिवाली और छठ पूजा के मौसम में, देशभर के रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भारी तादाद देखी जा रही है।
दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़
राजधानी दिल्ली के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर हजारों लोग ट्रेन का इंतज़ार कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भीड़ और अव्यवस्था की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें कुछ यात्री ट्रेनों के शौचालय में बैठने को मजबूर हैं, तो कुछ लोग किसी भी तरह अपने घर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
रेलवे द्वारा विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 24 अक्टूबर को घोषणा की थी कि दिवाली और छठ के अवसर पर 7,000 से अधिक विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 60% अधिक हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि “छठ के लिए जो 7,000 स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं, वे कहाँ चल रही हैं?”
यात्रा का संघर्ष
भारत में हर दिन दो करोड़ से अधिक यात्री ट्रेनों से यात्रा करते हैं, लेकिन त्योहारों के दौरान लंबी दूरी की ट्रेनों में सीट और बर्थ की मांग और बढ़ जाती है। उत्तर रेलवे के प्रवक्ता कुलतार सिंह के अनुसार, त्योहारों के समय में दिल्ली क्षेत्र में फुट-फॉल लगभग 20 प्रतिशत बढ़ जाता है। भारतीय रेलवे का दावा है कि वह 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक त्योहारी सीजन के दौरान 1 करोड़ से अधिक यात्रियों को ले जाने के लिए तैयार है।
स्टेशन पर यात्रियों की स्थिति
“समाचार दर्पण” ने 29 अक्टूबर को देश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों का दौरा किया। दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर, आरपीएफ़ और रेलवे के अधिकारी यात्रियों की सुविधा के लिए मुस्तैद हैं, लेकिन भीड़ को संभालने के लिए किए गए उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं।
शैली आचार्य और उनकी बहन, जो पश्चिम बंगाल से आ रही हैं, बताती हैं कि उनकी ट्रेन रद्द हो गई और उन्हें दो दिन स्टेशन पर बिताने पड़े। उन्होंने कहा, “अब दिवाली के दिन घर पहुंचेंगे, अब त्योहार मनाने लायक ऊर्जा ही नहीं बची।”
रूपेश कुमार सिंह, जो अपनी नवजात बेटी और परिवार के साथ यात्रा कर रहे हैं, बताते हैं कि उनकी ट्रेन आठ घंटे लेट है, और अगर उन्हें पता होता कि ट्रेन लेट है तो वे घर पर ही रहते।
बसों में भीड़ और महंगे टिकट
कई यात्री जिन्हें ट्रेन में टिकट नहीं मिल पाया, उन्हें बसों में यात्रा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। बस टिकटों की कीमतें बढ़ रही हैं, और कुछ यात्रियों के लिए महंगे दाम चुकाना मुश्किल हो रहा है। लुधियाना रेलवे स्टेशन पर भी त्योहारों के बाद भीड़ के बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे दिवाली और छठ पूजा नजदीक आ रही है, प्रवासी मजदूर अपने परिवारों के साथ त्योहार मनाने के लिए घर लौट रहे हैं। ऐसे में, रेलवे द्वारा भीड़ नियंत्रण और प्रबंधन के उपायों पर ध्यान दिया जा रहा है।
त्योहारों का मौसम हर किसी के लिए एक विशेष समय होता है, लेकिन यात्रा के दौरान होने वाली भीड़ और अव्यवस्था यात्रियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो जाती है। रेलवे को चाहिए कि वह बेहतर व्यवस्था और सुरक्षा सुनिश्चित करे ताकि यात्रियों को बिना किसी परेशानी के घर लौटने का अवसर मिले।