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दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंदुओं-मुसलमानों के बीच झड़प से खूनी संघर्ष के बाद पुलिस के एनकाउंटर पर उठ रहे सवाल… 

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में हाल ही में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें राम गोपाल मिश्रा नामक एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना 13 अक्तूबर की शाम को महराजगंज इलाके में हुई, जब हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच विवाद हो गया। विवाद का कारण दुर्गा विसर्जन के दौरान डीजे पर भड़काऊ गाने बजाना बताया जा रहा है, जिस पर मुस्लिम समुदाय ने आपत्ति जताई थी। मुस्लिम पक्ष ने डीजे का तार निकाल दिया, जिससे विवाद बढ़ गया और हिंसा शुरू हो गई। इस दौरान राम गोपाल मिश्रा ने एक घर पर चढ़कर हरा झंडा हटाकर भगवा झंडा फहराया, जिसके बाद घर के अंदर से गोली चलाई गई, जिससे उनकी मौत हो गई।

इस घटना के बाद बहराइच पुलिस ने पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया, जिनमें से दो अभियुक्तों, सरफराज़ उर्फ रिंकू और मोहम्मद तालिब उर्फ शबलू, को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया। पुलिस का दावा है कि इन अभियुक्तों ने हथियार बरामद कराने के बहाने पुलिस पर हमला किया, जिसके जवाब में पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें दोनों अभियुक्तों के पैरों में गोली लगी। पुलिस ने घटना में शामिल हथियार भी बरामद किए जाने का दावा किया है।

हालांकि, इस मुठभेड़ पर विपक्षी पार्टियों और अभियुक्तों के परिजनों ने सवाल उठाए हैं। सरफराज़ की बहन रुख़्सार ने आरोप लगाया कि उनके पिता और भाई को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी और उन्हें एनकाउंटर में फंसाया जा रहा है। उनके अनुसार, परिवार के लोग सरेंडर करने जा रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने पुलिस पर धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके परिवार को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।

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वहीं मृतक राम गोपाल मिश्रा के परिवार और उनके गांव के लोग भी पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट हैं। उनकी पत्नी रोली मिश्रा और बहन प्रीति मिश्रा ने पुलिस पर अभियुक्तों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। गांव के पूर्व प्रधान माधवदीन मिश्रा ने भी इस घटना को लेकर संदेह जताया और कहा कि पुलिस की कार्रवाई संतोषजनक नहीं है।

इस मुठभेड़ को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आई हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि पुलिस अपनी नाकामी छिपाने के लिए एनकाउंटर कर रही है। वहीं एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी यूपी सरकार की आलोचना की और कहा कि सरकार ‘रूल बाइ गन’ के आधार पर काम कर रही है। इसके विपरीत, बीजेपी के नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और यूपी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया। राजभर ने कहा कि जब पुलिस पर हमला होगा, तो पुलिस जवाबी कार्रवाई करेगी।

बहराइच पुलिस ने बताया कि इस हिंसा के बाद कुल 14 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें 57 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें 34 मुस्लिम और 23 हिंदू समुदाय के लोग शामिल हैं। घटना से जुड़े विभिन्न मामलों की जांच जारी है, लेकिन पुलिस के आला अधिकारियों ने मुठभेड़ को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है।

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यूपी में मार्च 2017 से अब तक 12,964 पुलिस एनकाउंटर हुए हैं, जिनमें 207 लोगों की मौत हुई है और 27,117 अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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