राजस्थान ब्यूरो रिपोर्ट
डॉ. बी.आर. अंबेडकर की प्रसिद्ध पंक्तियों, “शिक्षा शेरनी का वह दूध है, जो पियेगा वह दहाड़ेगा,” के आदर्शों को साकार करते हुए वाल्मीकि समाज सदियों से समाज में अपनी हिम्मत, ताकत और बहादुरी का प्रतीक बना हुआ है। कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए यह समाज अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा के साथ निभाता आया है, जबकि सदियों से सामाजिक व्यवस्था की बेड़ियों में जकड़ा रहा है। इसे आर्थिक, राजनीतिक, और शैक्षिक अधिकारों से वंचित रखा गया, फिर भी इस समुदाय ने उठने, चलने, और अंततः दौड़ने का प्रयास कभी नहीं छोड़ा।
इसी कड़ी में, राजस्थान के जोधपुर में स्थित वाल्मीकि कल्याण संस्थान समाज सुधार और शिक्षा के प्रसार का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। यह संस्थान समाज के युवाओं को शिक्षा के माध्यम से जागरूक करने का जिम्मा उठा रहा है। हाल ही में आयोजित वाल्मीकि प्रतिभा सम्मान समारोह में इस संस्थान ने समाज के कई होनहार विद्यार्थियों और समाजसेवियों को सम्मानित किया। यह समारोह एस.एन. मेडिकल कॉलेज, जोधपुर के सभागार में 13 अक्टूबर 2024 को आयोजित किया गया।
समारोह का शुभारंभ और अतिथि सम्मान
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। मंच पर मुख्य अतिथि महेश जी जैदिया (जनरल मैनेजर, एयरपोर्ट नाल, बीकानेर), डॉ. गौतम पंडित (मेडिकल ऑफिसर), दिनेश सिंह गहलोत (सहायक प्रोफेसर), आरती गूंद (सहायक निदेशक, कृषि), सुनीता बारासा, सुनील बारासा (बॉक्सिंग कोच, भारत खेल प्राधिकरण) समेत अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। सभी अतिथियों का स्वागत वाल्मीकि कल्याण संस्थान द्वारा सफा, शॉल और मोमेंटो प्रदान कर किया गया।
शिक्षा और समाज के उत्थान पर जोर
अतिथियों ने वाल्मीकि कल्याण संस्थान द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की और शिक्षा के महत्व पर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने अपनी जीवन की चुनौतियों और सफलताओं पर चर्चा की।
नव नियुक्त कार्मिकों और छात्रों का सम्मान
समारोह में विभिन्न विभागों में हाल ही में नियुक्त हुए कार्मिकों का भी अभिनंदन किया गया। इनमें प्रोफेसर सहदेव गुजराती, अनिल सिसोदिया, विक्रम घारू, धीरज राज, रोहित सहा, और कपिल समेत कई अन्य शामिल थे। इसके साथ ही, 12वीं से स्नातकोत्तर तक के 500 से अधिक छात्रों को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने 70% से अधिक अंक प्राप्त किए थे। बॉक्सिंग, टेबल टेनिस और पावर लिफ्टिंग के क्षेत्र में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सफलता हासिल करने वाले पियूष हंस, उमेश बरसा और जयश्री को भी सम्मानित किया गया।
भामाशाहों का अभिनंदन
समारोह में वाल्मीकि कल्याण संस्थान को आर्थिक सहयोग देने वाले भामाशाहों का भी सम्मान किया गया। श्रीमती पदमा (1,21,000 रुपये), श्रीमती विमला (51,000 रुपये), ओमप्रकाश बारासा (21,000 रुपये) समेत अन्य कई भामाशाहों का सफा, शॉल और प्रतीक चिन्ह देकर अभिनंदन किया गया।
समाज में उत्कृष्ट सेवा का संकल्प
वाल्मीकि कल्याण संस्थान के अध्यक्ष कान्हा राम कंडारा ने सभी अतिथियों, भामाशाहों, और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने समाज के उत्थान के लिए निरंतर कार्य करने का संकल्प दोहराया और जोधपुर में गरीब एवं ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों के लिए एक शानदार हॉस्टल बनाने की प्रतिबद्धता जताई।
कार्यक्रम का सफल संचालन सुरेश कुमार सर्वटा और नवीन कुमार द्वारा किया गया।
Author: samachar
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