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November 1, 2024 12:54 pm

खनन माफियाओं का आतंक: महिला पर जानलेवा हमला, बेटे-बेटी को गंभीर चोटें

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

ग्राम पंचायत खटोला में खनन माफियाओं का आतंक और अवैध गतिविधियाँ चरम पर हैं। हाल ही में पीड़ित महिला पर खनन माफियाओं के गुर्गों द्वारा जानलेवा हमला किया गया, जिसमें उनकी बेटी और बेटे को गंभीर चोटें आईं। मामला इस प्रकार है कि खटोला में अवैध रूप से मिट्टी भराई का काम किया जा रहा है। इस काम के लिए मिट्टी से भरे डंपर के ड्राइवरों द्वारा क्षेत्रीय लोगों के साथ अभद्रता की जा रही है, और उन्हें डराने-धमकाने का सिलसिला जारी है।

घटना की शुरुआत तब हुई जब पीड़िता ने देखा कि खनन माफियाओं के सहयोगी उनके घर के सामने सो रहे थे। इस पर पीड़िता ने उन्हें ऐसा करने से मना किया, जिसके बाद माफियाओं ने अगले दिन बदला लेने की योजना बनाई। 15 अक्टूबर 2024 की रात, जब पीड़िता के सहयोगी ने माफियाओं को फिर से दुकान के सामने सोने से रोका, तो गुस्साए गुर्गों ने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में उन्होंने लात-घूंसे मारे और गला दबाने का प्रयास किया। शोर सुनकर पीड़िता अपने बेटे और बेटी के साथ सहयोगी को बचाने पहुंची, लेकिन हमलावरों ने उन पर भी बेरहमी से हमला किया, उन्हें चौराहे तक घसीटते हुए मार-पीट की।

पीड़िता का कहना है कि उनके घर में पति नहीं हैं, और उनके साथ सिर्फ तीन बच्चे हैं—दो बेटियां और एक बेटा। किसी की भी शादी अभी तक नहीं हुई है। कुछ अराजक तत्व उनके घर के सामने सोकर उनके परिवार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे थे, इसलिए उन्होंने इसका विरोध किया। लेकिन पीड़िता को इस बात का अंदाजा नहीं था कि खनन माफियाओं के गुर्गे इतनी बर्बरता पर उतर आएंगे और उनके बच्चों के साथ गाली-गलौज व मारपीट करेंगे।

हालांकि घटनास्थल पर पुलिस की 112 पीआरवी गाड़ियां और स्थानीय थाना बन्थरा पुलिस भी पहुंची, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इस बीच, अवैध मिट्टी खनन का काम धड़ल्ले से जारी है, जिसमें सैकड़ों वेयरहाउस और फैक्ट्रियां शामिल हैं। पीड़िता के अनुसार, इस अवैध कारोबार में ग्राम प्रधान और राजस्व विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं, जो खनन माफियाओं को संरक्षण प्रदान कर रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन की शिथिलता के चलते यह अवैध कार्य खुलेआम फल-फूल रहा है, और माफियाओं के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हो रही है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."