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‘फलोदी जिले के वंचित समाज’ का सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के समर्थन में धन्यवाद ज्ञापन

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सुरेंद्र प्रताप सिंह की रिपोर्ट

राजस्थान फलोदी जिले के वंचित समाज, जिसे महादलित भी कहा जाता है, ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के एक ऐतिहासिक फैसले के समर्थन में धन्यवाद ज्ञापन देने का निर्णय लिया है। यह फैसला, जो 1 अगस्त 2024 को सुनाया गया, विश्व की न्याय व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के आरक्षित वर्ग की सैकड़ों जातियों और उपजातियों के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए उनके उत्थान के लिए एक नई राह खोली है।

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह माना है कि आरक्षण के बावजूद SC/ST की लगभग 75% जातियाँ और उपजातियाँ आज भी मुख्यधारा में शामिल नहीं हो पाई हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि देश और प्रदेश के कुछ गिने-चुने जातियों ने ही आरक्षण का पूरा लाभ उठाया है, जबकि अन्य वंचित रह गए हैं। पिछले 40 वर्षों से इस मामले पर माननीय उच्चतम न्यायालय में सुनवाई चल रही थी, और आखिरकार, लंबे मंथन के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह भूतपूर्व निर्णय सुनाया।

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इस फैसले में देश की सभी राज्य सरकारों और केंद्र सरकार से कहा गया है कि SC/ST आरक्षण का उपवर्गीकरण करते हुए उन उपजातियों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का लाभ दिया जाए, जो अब तक वंचित रहे हैं। यह फैसला पूरी तरह से संवैधानिक और कानून सम्मत है, जिसमें SC/ST समुदाय के आरक्षण का एक प्रतिशत भी कम नहीं हो रहा है। इस निर्णय से आरक्षण का लाभ उन तक भी पहुंचेगा जो अब तक इसके दायरे से बाहर थे, और उन्हें भी समान अवसर मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के प्रति विभिन्न प्रतिक्रियाएँ

हालांकि, इस फैसले को लेकर विभिन्न मतभेद भी सामने आए हैं। कुछ लोग इसे राजनीतिक साजिश करार दे रहे हैं, तो कुछ इसे आरक्षण खत्म करने की कोशिश बता रहे हैं। कुछ लोग इसे क्रीमी लेयर से भी जोड़ रहे हैं, जबकि हकीकत में ऐसा कुछ नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय लिया है, वह आरक्षण को जिंदा रखने और उसे वंचित वर्ग तक पहुंचाने के लिए है। यह फैसला उन परिवारों तक भी आरक्षण का लाभ पहुंचाएगा जो आज तक इसके लाभ से वंचित रहे हैं।

फलोदी जिले के वंचित समाज की प्रतिक्रिया

इस फैसले का देशभर में स्वागत किया जा रहा है, क्योंकि हर वर्ग और हर वर्ण के लोग वंचित समुदायों के उत्थान के पक्षधर हैं। फलोदी जिले के दर्जनों वंचित जातियाँ जैसे सांसी, भील, वाल्मीकि, नायक, नायकड़ा, बंजारा, गरासिया, ढोली, डूम, भोपा, नाथ, जोगी, सपेरा, सहारिया, धनक, धानका, कालबेलिया, साटीया, बाजीघर, नट, नटिया, बावरी, चौकीदार आदि जो आज भी समाज के मुख्यधारा से काफी दूर हैं, इस फैसले से आशा की किरण देख रही हैं। वे उम्मीद कर रहे हैं कि अब उनके अधिकारों को भी मान्यता मिलेगी और वे भी समाज में समानता से जी सकेंगे।

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धन्यवाद ज्ञापन और आगे की योजना

फलोदी जिले के वंचित समाज के लोग कल माननीय कलेक्टर के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति, माननीय प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, मानवाधिकार आयोग, SC/ST आयोग, राजस्थान के मुख्यमंत्री, राज्यपाल आदि के नाम एक धन्यवाद ज्ञापन भेजेंगे। इस ज्ञापन में वे सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को जल्द से जल्द लागू करने की मांग करेंगे, ताकि वर्षों से दबे-कुचले वंचित समाज को न्याय मिल सके।

ज्ञापन के दौरान कानून और व्यवस्था का पूरा ख्याल रखा जाएगा, ताकि फलोदी की जनता को किसी प्रकार की अव्यवस्था का सामना न करना पड़े। यह ज्ञापन पूरी तरह से कानून और न्यायसंगत तरीके से दिया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि वंचित समाज की आवाजें सही मंच तक पहुंचे।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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