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प्रयागराज

रोड पर लबालब गंगा को देखकर मरीन ड्राइव जैसा नजारा दिखा, बाढ़ ने मचा दी तबाही

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

प्रयागराज में गंगा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि ने कछारी इलाकों में गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर दी हैं। गुरुवार की सुबह बेली कछार क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक घरों में बाढ़ का पानी घुस गया। गंगा पर चल रहे सिक्स लेन पुल के निर्माण के कारण, आसपास के क्षेत्रों में पानी फैलने की स्थिति देखी गई। इससे लोगों को अपनी सम्पत्तियों को ऊपरी तल पर पहुंचाने के लिए रात में ही सतर्क रहना पड़ा।

बेली कछार के इस हिस्से में 50 से अधिक घर बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। गंगा का जलस्तर अगले दो दिनों तक बढ़ने की संभावना जताई जा रही है, जिससे बेली कछार के अलावा राजापुर, नेवादा, अशोकनगर, बघाड़ा, शंकरघाट, म्योराबाद, शिवकुटी, द्रौपदी घाट जैसे अन्य कछारी मोहल्लों में भी बाढ़ का पानी पहुंचने की संभावना है। इन सभी घाटों के जलमग्न हो जाने की खबर है, और शुक्रवार शाम तक सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी घुस जाने की आशंका जताई जा रही है।

पार्षद भोला तिवारी ने बेली कछार का दौरा करने के बाद बताया कि बाढ़ का पानी नालों के माध्यम से मोहल्लों में आ रहा है। यमुना का जलस्तर पिछले दो दिनों में तेजी से बढ़ा, जिसके बाद गंगा का जलस्तर भी तेजी से बढ़ने लगा। बुधवार रात आठ बजे से गुरुवार सुबह आठ बजे तक गंगा का जलस्तर दो मीटर से अधिक बढ़ गया। इससे पहले के 24 घंटों में गंगा में 2 मीटर 71 सेमी वृद्धि हुई थी, जबकि यमुना में केवल 46 सेमी वृद्धि देखी गई। 

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सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक गंगा का जलस्तर 52 सेमी और बढ़ा, और छतनाग में रात आठ बजे गंगा का जलस्तर छह सेमी घटने से कुछ राहत मिली है। सिंचाई विभाग के अनुसार, फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 83 मीटर तक पहुंच सकता है।

गंगा के जलस्तर के बढ़ने के साथ ही कछारी इलाकों में लगे डेढ़ दर्जन ट्रांसफॉर्मरों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। 

सलोरी, बघाड़ा, बक्शी बांध, राजापुर, नेवादा, अशोकनगर, शंकरघाट, बेली गांव, गौस नगर, और हड्डी गोदाम मोहल्लों में लगे ट्रांसफॉर्मर बहुत नीचे स्थित हैं। 

बिजली विभाग के मुख्य अभियंता पीके सिंह ने बताया कि बाढ़ के खतरे को देखते हुए सभी उपखंडों के अधिशासी अभियंताओं को निचले इलाकों के ट्रांसफॉर्मरों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। खतरा बढ़ने पर ट्रांसफॉर्मरों की बिजली सप्लाई बंद कर दी जाएगी।

रिवर फ्रंट रोड पर गाड़ियों की जगह अब नावें चल रही हैं। बक्शीबांध से संगम जाने वाली रिवर फ्रंट रोड तीन दिन पहले तक गंगा के बढ़ते जलस्तर को देख रही थी। 

रोड पर गंगा का पानी भरने के बाद मरीन ड्राइव जैसा दृश्य प्रस्तुत हो रहा था। अब वही रिवर फ्रंट रोड बाढ़ में डूब चुकी है और इस पर गाड़ियों की बजाय नावें चल रही हैं। संगम में नावों का संचालन रोक दिए जाने के कारण लोग रिवर फ्रंट रोड पर बोटिंग कर रहे हैं। मार्ग पर पानी भरने से नागवासुकि मंदिर में आवागमन भी बाधित हो गया है।

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Author: samachardarpan24

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