google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
आजमगढ़

भारतेन्दु नाट्य अकादमी लखनऊ और सूत्रधार संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में सूत्रधार की आखिरी नाट्य प्रस्तुति, “एक से भले दो”

IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
IMG_COM_202505222101103700

 जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट

आजमगढ़। शारदा में सूत्रधार की आखिरी नाट्य प्रस्तुति । आजमगढ़ । 12 जुलाई 2024। कल 11 जुलाई 2024 को स्थानीय शारदा टाकीज के प्रांगण में एक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ । जिसे देखने के लिए शहर के तमाम सुधिजन उमड़ पड़े।

भारतेन्दु नाट्य अकादमी लखनऊ और सूत्रधार संस्थान आजमगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में कल 25 दिवसीय बाल नाट्य कार्यशाला के समापन अवसर पर अभिषेक पंडित कृत नाटक “एक से भले दो” का शानदार मंचन सम्पन्न हुआ।

नाटक एक बहुचर्चित लोक कथा पर आधारित हैं। जिसने एक नेवला (विरादित्य मौर्य) जो कि मकई खा खा कर मोटा हो जाता हैं और बढ़ई (कृष्णा यादव) के पास अपनी देहं छिलवाने के लिए जाता हैं। बढ़ई के मना करने पर वो राजा (श्रेयांश यादव) के पास जाता हैंहैं। इस तरह नेवला क्रमशः रानी (आशनी यादव) सांप (हर्ष मौर्या), बांस (ओम श्री) आग (अनुज यादव) पानी (राघवी पांडेय) के पास जाता हैं। सभी इसके सनकी मांग को खारिज कर देते हैं। तब (हाथी) उसकी मदद को तैयार हो जाता हैं। क्योंकि वो भी अपने (मोटापे) से परेशान हैं। उसके बाद सारे पात्र डर सहम जाते हैं। अंत में राजा बढ़ई को बुलाता हैं और डांटता हैं। तब बढ़ई कहता है कि वो नेवले को सबक सिखाने के लिए उसे माना किया। नेवला और हाथी शर्मिंदा होते हैं। इस प्रकार इस नाटक का सुखद अंत होता हैं।

इसे भी पढें  पुलिस की बड़ी कार्रवाई : एक लाख रुपये की जाली भारतीय मुद्रा के साथ तीन आरोपी गिरफ्तार

नाटककार ने इस कथा में बनिए (समीर) के चरित्र को जोड़कर पूरी कहानी को नया कलेवर दिया। उपयोग से अधिक उपभोग ना करने का संदेश दर्शकों को बहुत पसंद आया।

इसके अतिरिक्त सूत्रधार की भूमिका में (अनादि अभिषेक) सिपाही की भूमिका में हर्ष सिंह व अर्श ने जबरदस्त अभिनय किया।

नाटक का सबसे मजबूत पक्ष उसका संगीत रहा। सूरज मिश्रा, चंदन और राज ने इसकी जिम्मेदारी निभाई। प्रकाश परिकल्पना रंजीत कुमार और संदीप का रहा। मंच विन्नयास सुग्रीव विश्वकर्मा ने किया। कॉस्टियुम और आंचल तिवारी, मेकअप अर्जुन ने किया।

नाटक का निर्देशन ममता पंडित ने किया। इस कार्यशाला का सहायक निर्देशन अंगद कश्यप ने किया। अंत में बच्चों को मुख्य अतिथि फौजदार सिंह, प्रभु नारायण पाण्डेय ’प्रेमी ’ जर्नलिस्ट क्लब आजमगढ़ के अध्यक्ष आशुतोष दिवेदी ने प्रमाण पत्र वितरित किया।

इसी दरम्यान संत कबीर नगर से पधारी इंजीनियर कंप्यूटर साइंस चित्रकार सुष्मिता सिंह ’बक्की’ के पेंटिंग कौशल जिनके द्वारा इसरो के लिए भी कई चित्रकला की गई है जिसके लिए उन्हें इसरो अहमदाबाद डायरेक्टर के द्वारा सम्मानित भी किया गया है उनके चित्रों की एक प्रदर्शनी ” बियाह ” शीर्षक शारदा थियेटर के हाल में प्रदर्शित हुई जो लोगों के लिए खासा आकर्षण का केंद्र बनी रही जिसकी उपास्थित सभी लोगो ने भूरि भूरि प्रशंसा की। 

इसे भी पढें  भोले बाबा पर चुप्पी क्यों? : राजनीतिक मजबूरियों में घिरे सत्ताधारी और विपक्षी दल

पिछले एक दशक से ज्यादा समय से सूत्रधार की नाट्य प्रस्तुतियों शरदा थिएटर के सभागार में होती रही हैं जो कि अब आगे जारी नहीं रह पाएगी कारण की पुरानी इमारत बुनियाद को हटाकर वहां नई बुनियाद की शुरुआत होनी है शारदा अपने समय में जनपद में मनोरंजन का एक प्रमुख केंद्र होता था जो अब समय के साथ साथ एक नई इबारत लिखेगा।

100 पाठकों ने अब तक पढा
samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की
Back to top button
Close
Close