दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव का परिणाम आए 17 दिन बीत चुके हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मिली हार पर मचे घमासान का अंत होता नहीं दिख रहा है। चुनाव में बीजेपी उम्मीदवारों की हार के कारणों की जांच के लिए पार्टी की ’80 स्पेशल टीम’ ने एक रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट लखनऊ स्थित प्रदेश मुख्यालय को भेज दी गई है।
खबरों के अनुसार, इस रिपोर्ट में स्थानीय विधायक और पूर्व सांसदों के बीच आपसी विवाद को हार का मुख्य कारण बताया गया है।
बीजेपी में कोल्ड वॉर जैसे हालात
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद से ही पार्टी के भीतर शीत युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। कुछ दिन पहले ही पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और बीजेपी नेता संगीत सोम के बीच का शीतयुद्ध खुलकर सामने आ गया था। अब सिद्धार्थनगर से भी टकराव की तस्वीरें सामने आई हैं। वहां समीक्षा बैठक के दौरान बीजेपी नेता आपस में भिड़ गए और देखते ही देखते एक-दूसरे पर लात-घूंसे चलाने लगे।
बताया जा रहा है कि कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष कन्हैया पासवान के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए, जिसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया और जूतमपैजार शुरू हो गई। यह मारपीट तब हुई जब बैठक में पूर्व बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी, मथुरा के विधायक राजेश चौधरी, और काशी के क्षेत्रीय महामंत्री सुशील तिवारी भी मौजूद थे। इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
इस तरह की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि यूपी में बीजेपी के भीतर गहरे मतभेद हैं और पार्टी के लिए आंतरिक संघर्ष एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। संगठनात्मक बदलाव और अनुशासनहीनता पर सख्त कार्रवाई की संभावना से यह साफ है कि पार्टी बूथ स्तर से लेकर शीर्ष नेतृत्व तक में सुधार की प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर सकती है।
रिपोर्ट में सामने आई कमियों की फेहरिस्त
रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि कई जिलों में मंत्री, विधायक और सांसदों के बीच तालमेल की कमी थी। आपसी खींचतान और मतभेदों ने बीजेपी के चुनावी प्रदर्शन को बुरी तरह प्रभावित किया। इन आंतरिक लड़ाइयों ने पार्टी की रणनीति को कमजोर कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप हार का सामना करना पड़ा।
इस रिपोर्ट के आधार पर बीजेपी जल्द ही व्यापक संगठनात्मक सुधार करने की तैयारी में है। खबरें हैं कि अगर कहीं भितरघात या अनुशासनहीनता पाई गई, तो बड़े से बड़े नेता पर भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े, पार्टी बूथ स्तर से लेकर संगठन स्तर तक बड़े बदलाव करने के लिए तैयार है।
इसका मतलब यह है कि उत्तर प्रदेश में जल्द ही बीजेपी के अंदर कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं। पार्टी नेतृत्व इस बात को लेकर दृढ़ है कि ऐसे सुधारों से संगठन को मजबूत किया जा सके और आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित हो सके।
Author: samachar
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