चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेशभर में बेहतर व्यवस्था प्रदान करने और इसे जनता तक पहुँचाने के दावे कर रही है। लापरवाही के खिलाफ अधिकारी और सरकार सख्त हैं। इसके अलावा प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी आए दिन किसी न किसी कमी पर नाराजगी जताते नजर आते हैं। बावजूद इसके, कुछ स्वास्थ्य कर्मी प्रदेश सरकार की योजनाओं और सरकार की छवि को अपनी गलत कार्यशैली से खराब करने में लगे हुए हैं।
ऐसा ही एक मामला कानपुर देहात जिले के मुख्य चिकित्सा विभाग में कार्यरत एक बाबू का रिश्वत मांगते और लेते हुए वीडियो वायरल होने से सामने आया है, जिसने पूरे महकमे को शर्मसार कर दिया है।
कानपुर देहात के मुख्य चिकित्सा विभाग के बाबू आरबी यादव एक शाखा से सरकारी काम करवाने के एवज में रिश्वत की रकम तय करते हुए दिखाई दिए हैं। यह घटना जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के कार्यालय की है, जहां आरबी यादव तैनात हैं। वीडियो में वे एक शख्स के पुराने काम को कराने के लिए दो सौ रुपए नकद और तीन सौ रुपए फोन पर डालने की बात कह रहे हैं।
जब पीड़ित शख्स ने बाबू को नकद पैसे दिए, तब जाकर बाबू ने उसके काम के होने की गारंटी दी। वीडियो में बाबू खुलेआम रिश्वत मांगते नजर आ रहे हैं, जिसे देखकर लगता है कि उन्हें न तो किसी का डर है और न ही किसी की परवाह।
इस वायरल वीडियो के बाद महकमे में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग की ऐसी घटनाएं पहले भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं, लेकिन अधिकारी कोई ठोस कदम नहीं उठाते।
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एके सिंह से जब इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में है और वीडियो के आधार पर तत्काल आरोपी बाबू को हटा दिया गया है। शासन को इस रिश्वत के मामले में रिपोर्ट तैयार कर भेजी जा रही है। जब तक शासन से कोई आदेश नहीं आता, तब तक बाबू आरबी यादव को चार्ज नहीं दिया जाएगा।
इस घटना ने सरकार के दावों और कोशिशों को खोखला साबित कर दिया है, और कर्मचारियों की ऐसी हरकतें जनता के लिए मुसीबत बनी हुई हैं।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."