संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट। मानिकपुर तहसील अन्तर्गत रानीपुर टाइगर रिजर्व बन जाने से भू माफियाओं की पौ बारह हो गई है जो फर्जी दस्तावेजों के सहारे कोल आदिवासियों की ज़मीन पर अवैध रूप से कब्जा कर रहे हैं और कोल आदिवासियों को भूमिहीन बनाने का कुचक्र रच रहे हैं इन भू माफियाओं की मनमानी इस कदर हावी है कि सरकारी आवासों की ज़मीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है और कब्जा की हुई ज़मीन पर सीमेंट की खंभियों से तार फिंशिंग करा दी है जिसको लेकर ग्रामीणों ने उप जिलाधिकारी मानिकपुर को ज्ञापन सौंपकर जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही की मांग की है l
मानिकपुर तहसील के ग्राम पंचायत इटवा डुडैला के मजरे खजुरिहा कोलान से आए लगभग एक दर्जन ग्रामीणों ने दबंगो के खिलाफ मकान गिरा कर जमीन हथियाने को लेकर नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौपा l
ग्राम पंचायत इटवा डुड़ैला के खजुरिया कोलान से आए ग्रामीण राजा भैया, भैरमदीन, शीतल ,केशन चुनकावन आदि जैसे लगभग एक दर्जन से भी ज्यादा ग्रामीणों ने तहसील पहुंचकर उप जिला अधिकारी मानिकपुर को संबोधित कर नायब तहसीलदार पारुल सिंह परिहार को ज्ञापन सौपते हुए बताया कि लगभग 30 वर्ष पहले श्रीमती गीतादेवी तत्कालीन ग्राम प्रधान इटवा डुडैला के कार्यकाल 1995 में शासन द्वारा उन्हें आवास बनाकर दिया गया था जिसका उद्घाटन तत्कालीन ग्राम विकास मंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा किया गया था जिसका पत्थर आज भी कॉलोनी के पास स्थित है यही नहीं शासन द्वारा हमें हैंड पंप भी लगाकर दिया गया पर कुछ दबंग किस्म लोग देर रात राजस्व अधिकारी के साथ बिना सूचना के रात में पहुंचकर मकान गिरा दिया गया और हैंड पंप भी नष्ट कर दिया गया और जाति सूचक शब्दों के साथ गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी दी गई l
ग्रामीणों के बताया कि जिला मुख्यालय कर्वी निवासी राजन अग्रवाल द्वारा भूमि का फर्जी तरह से दस्तावेज तैयार कर अपनी पत्नी मीना अग्रवाल व रेणु पत्नी गिरीश अग्रवाल के नाम एक मध्य प्रदेश के व्यक्ति से रजिस्ट्री करा ली गई है जो की पूर्णता फर्जी है ग्रामीणों ने शासन से गुहार लगाते हुए कहा है कि विरोधियों के दस्तावेजों की सक्षम अधिकारी से जांच कराई जाए और उक्त आरोपियों के खिलाफ विधिक कार्यवाही की जाए l
हल्का लेखपाल की मनमानी के शिकार हो रहे ग्रामीण…
रानीपुर टाइगर रिजर्व हो जाने से आस पास की ज़मीन बेस कीमती हो गई है जिसके कारण स्थानीय ग्रामीणों की जमीनों को फर्जी दस्तावेजों के सहारे खरीदने का काम किया जा रहा है जिसमें हल्का लेखपाल की मिलीभगत शामिल है हल्का लेखपाल द्वारा सरकारी आवास की जमीनों को भी नहीं बख्शा जा रहा है उन पर भू माफियाओं का अवैध कब्ज़ा कराया जा रहा है जिसके कारण ग्रामीण भूमिहीन होते जा रहे हैं l
सजातीय नेता द्वारा किया जा रहा कोल आदिवासियों शोषण, व्यापारियों/भू माफियाओं से साठ गांठ कर बेंची जा रही जमीनें।
सूत्रों के अनुसार पता चला है कि कोल आदिवासी समाज के सत्ताधारी दल के एक रसूखदार नेता द्वारा व्यापारियों/भू माफियाओं की मिलीभगत से कोल आदिवासियों की जमीनों को औने पौने दामों में खरीदकर भूमिहीन बनाने का काम किया जा रहा है और जो ग्रामीण अपनी जमीन को नहीं बेचना चाहते हैं उनकी जमीनों के फर्जी दस्तावेजों के सहारे जबरजस्ती कब्जा करवाया जा रहा है और फर्जी रजिस्ट्री दिखाई जा रही है l
सबसे बड़ी सोंचने वाली बात यह है कि एक तरफ मुख्यमंत्री योगी द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं कि संबंधित अधिकारी सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले दबंगो/भू माफियाओं को चिन्हित कर आवश्यक कार्यवाही करें और एफ आई आर दर्ज़ करवाएं वहीं दूसरी ओर भू माफियाओं द्वारा शासन के निर्देशों की खुलेआम अनदेखी करते हुए सरकारी आवासों की जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा कर कोल आदिवासियों को भूमिहीन बनाने का कुचक्र रचा जा रहा है l
अब देखना यह है कि जिला प्रशासन कब उपरोक्त मामले को संज्ञान में लेते हुए सरकारी आवासों की जमीनों पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे अवैध रूप से कब्जा करने वाले दबंगो/भू माफियाओं की जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही करने का काम करेगा यह एक बड़ा सवाल है l
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."