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November 1, 2024 9:58 am

नेतागिरी का धौंस जमाने के लिए पढिए क्या क्या नही कर जाते हैं लोग…आप भी कहेंगे दुहाई नेतगिरी की…

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

लखनऊ। राम मंदिर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश को बम से उड़ाने की धमकी मामले में स्पेशल टास्क फोर्स की टीम धीरे-धीरे परतें खोलने लगी है। एसटीएफ ने देवेन्द्र तिवारी, संदिग्ध भूमिका वाले उसके ड्राइवर सुनीत व एक अन्य की तलाश में तकनीक के जरिए लगी है।

वहीं, टीम देवेन्द्र के संपत्तियों की जांच करने में लगी है। एसटीएफ के मुताबिक अभी तक देवेन्द्र की एक फॉर्च्यूनर, इको स्पोर्ट्स व बोलेरो गाड़ियां, तीन अलग-अलग ड्राइवर, एक निजी सहायक, दो सोशल मीडिया हैंडलर, दफ्तर में एक रिसेप्शनिस्ट, दो गनर की जानकारी मिली है।

यहां-यहां बना रखा है अड्डा

इसके अलावा उसका आलमबाग में इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पैरामेडिकल साइंसेज स्कूल और उसी में दफ्तर निकला है। देवेन्द्र का बंथरा में मकान है। एसटीएफ जांच रही है कि यह संपत्तियां किस तरह देवेन्द्र ने अर्जित की है। इंटरनेट मीडिया पर काफी सक्रिय रहने वाला देवेन्द्र तिवारी भारतीय किसान मंच का अध्यक्ष भी है।

जारी है एसटीएफ की जांच

एसटीएफ के मुताबिक देवेन्द्र के आपराधिक रिकॉर्ड, उसके द्वारा दर्ज कराया केसों की पड़ताल जारी है। सभी केसों के विवेचना अधिकारियों की रिपोर्ट तलब की गई है। देवेन्द्र की चल-अचल संपत्तियां खंगाली जा रही है। उसकी निजी सुरक्षा और सुविधाओं में तैनात अन्य कर्मचारियों की जांच भी जांच चल रही है। जरूरत पड़ने पर उनके बैंक खातों की जांच में स्थानीय पुलिस के द्वारा कराया जा सकता है।

स्थानीय पुलिस से कर्मचारियों का रिकॉर्ड मांगा

एसटीएफ ने देवेन्द्र के साथ नियुक्त कर्मचारियों के बारे में स्थानीय पुलिस से रिकॉर्ड मांगा गया है। दरअसल, धमकी मामले में देवेन्द्र के दो कर्मचारियों की गिरफ्तारी हुई है। इसमें देवेन्द्र का मीडिया हैंडलर ताहर सिंह और निजी सहायक ओम प्रकाश मिश्रा हैं। जबकि उसके ड्राइवर सुनीत की भूमिका संदिग्ध है, वह फरार भी है। इसी वजह से सभी कर्मचारियों के बारे में विस्तृत जानकारी एसटीएफ ने मांगी है।

साक्ष्य जुटाने में लगी पुलिस

गोंडा के धानेपुर निवासी ताहर सिंह और यहीं के कटरा बाजार निवासी ओम प्रकाश मिश्रा को विभूतिखंड से एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। अब दोनों आरोपित, उनसे बरामद दोनों मोबाइल फोन एसटीएफ ने आलमबाग थाना पुलिस को सौंप दिया। अब पुलिस की पूछताछ के बाद स्थानीय स्तर पर आरोपितों की निशानदेही पर साक्ष्य जुटाने में लगी है।

राजनैतिक कद बढ़ाना मकसद

एसटीएफ के मुताबिक देवेन्द्र तिवारी ने नाम व अपना राजनैतिक कद बढ़ाने के लिए राममंदिर, सीएम योगी और अमिताभ यश के नाम धमकी की साजिश रच खुद शिकायतकर्ता बनकर इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर दी। यह पहली दफा नहीं कि जब उसने खुद को मिलने वाली धमकी के साथ सीएम योगी और अमिताभ यश का नाम नहीं जोड़ा है, पहले भी कई बार दोनों का नाम अपने साथ जोड़कर धमकी मिलने की तहरीर दे चुका है। उन तहरीर की जांच भी शुरू हो गई।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."