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November 22, 2024 7:20 am

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10 प्रतिशत की लागत पर 44250 किसानों को मिलेगी राहत की बिजली, क्या आप भी हैं इसके पात्र? 

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

यूपी में 44250 किसानों को पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पंप उपलब्‍ध कराने की तैयारियां तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम कुसुम योजना का ज्यादा से ज्यादा किसानों को लाभ दिया जाए। इसके लिए योजना में राज्य सरकार का अनुदान बढ़ाने की दिशा में भी काम किया जाए।

सीएम योगी ने कहा कि यूपी के कृषि विज्ञान केंद्रों में जैविक उत्पादों की टेस्टिंग लैब स्थापित की जाएं।

सीएम योगी आदित्यनाथ योजना की समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि साल 2017-18 से 2022-23 तक यूपी में लगभग 51 हजार से अधिक किसानों को पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पम्प दिए जा चुके हैं। इससे न केवल खेती की लागत में कमी आ रही है, बल्कि जलवायु परिवर्तन के तहत कार्बन उत्सर्जन में कमी आ रही है। ऐसे में मिशन मोड में अधिकाधिक किसानों को इस योजना का लाभ दिलाया जाए।

उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 30 हजार और 2024-25 में 44250 किसानों को सोलर पंप की सुविधा से जोड़ने का टारगेट है। केंद्र सरकार के सहयोग से चलाई जा रही इस योजना की लोकप्रियता देखते हुए राज्य सरकार अपने अनुदान को बढ़ाने पर विचार कर रही है। ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान पीएम कुसुम योजना से लाभान्वित हो सकें।

क्या है पीएम कुसुम योजना? (PM Kusum Yojna)

प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान के तहत यह योजना केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही है। साल 2019 में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इसे शुरू किया था। इसके बाद फरवरी 2019 में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इस योजना को मंजूरी दी। 

इस योजना के तहत किसानों को सौर ऊर्जा संयंत्रों का उपयोग करके बिजली पैदा करने के लिए अपनी भूमि का उपयोग करने के लिए सशक्त बनाना है। इससे भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन भी बढ़ेगा। इसके इसके लिए बजट 2018-19 में 10 साल के लिए 48000 रुपये का सीमांकन किया गया था। जबकि मार्च 2021 में केंद्र सरकार ने इस योजना की मौजूदा विशेषताओं में कुछ संशोधन किए।

सरकार ने अब पीएम कुसुम योजना के तहत किसान आय सहायता और डी-डीजलिंग घटक पेश किया है। इससे पंपों के बजाय कृषि फीडरों को सोलराइज करने पर फोकस बढ़ेगा। 

गांव के प्रत्येक मौजूदा पंप को सौर पंप से बदलने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। इससे कृषि की लागत कम हो जाएगी और किसानों की आमदनी बढ़ेगी। साथ ही केंद्रीय बजट 2020-21 ने 20 लाख किसानों को स्टैंडअलोन सोलर पंप स्थापित करने में सहायता प्रदान करके इस योजना के दायरे को चौड़ा किया गया।

जबकि अतिरिक्त 15 लाख किसानों को इस योजना के तहत अपने ग्रिड से जुड़े पंप सेटों को सोलराइज करने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। 

कुसुम योजना के लाभार्थियों को 60% सब्सिडी दी जाती है, जिसे केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा साझा किया जाएगा। जबकि शेष 30% ऋण के रूप में प्रदान किया जाएगा और कुल लागत का केवल 10% किसानों को स्वयं वहन करना होगा।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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