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November 23, 2024 12:09 am

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माफिया पर जेल में अकेलापन का वार ; जेल में न वो किसी के पास जा सकता और ना ही कोई उसके पास…. आखिर क्यों?

15 पाठकों ने अब तक पढा

आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट 

मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) सालों से जेल में बंद है। करीब 20 साल से वो अलग-अलग जेलों में अपने गुनाहों की सजा काट रहा है। गुनाह हैं ही इतने की सजा खत्म होने का नाम ही नहीं लेती। साल 2021 में मुख्तार को पंजाब की रोपड़ जेल से उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में शिफ्ट किया गया था। तब से वो वही है, लेकिन अब बांदा जेल के अंदर सामने आ रही है एक नई बात।

बांदा जेल में मुख्तार को क्यों किया गया अलग?

उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी की जेल के अंदर निगरानी कई गुना बढ़ा दी गई थी। अब मुख्तार से किसी से मिलने की इजाजत नहीं है। जब तक कि कोई बहुत करीबी न हो वो उससे नहीं मिल सकता। उसे कड़े पहरे में रखा गया है। सीसीटीवी कैमरों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। बांदा जेल के अंदर मुख्तार की बैरक भी बदल दी गई है। आखिर ऐसा क्या हो गया कि मुख्तार अंसारी अब इतनी ज्यादा निगरानी में रखा जा रहा है। अब इस माफिया ने जेल में बैठे-बैठे ऐसा क्या कर दिया कि इसकी पहरेदारी लखनऊ में बैठकर भी की जा रही है।

लखनऊ में बैठी टीम कर रही है माफिया की निगरानी?

मुख्तार अंसारी के बैरक की निगरानी लखनऊ से हो रही है। लखनऊ में पुलिस की टीम मुख्तार के एक-एक पल की खबर रख रही है। अगर वहां बैठी टीम को कोई भी शक होता है तो तुरंत बांदा जेल में टीम को खबर की जाती है और फिर टीम मुख्तार तक पहुंचती है। मुख्तार फिलहाल 10/12 की सेल में है। यहां कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता। इस बैरक के बाहर एक गेट भी बनाया गया है। मुख्तार तक पहुंचने के लिए पुलिस को भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है और कई औपचारिकताओं को भी पूरा करना पड़ता है।

जेल में हो सकती है क्या मुख्तार की हत्या?

दरअसल मुख्तार अंसारी की जान को खतरा है। कुछ समय पहले इस माफिया ने अपनी जान को खतरा बताया था। मुख्तार ने अपील की थी कि उसकी सुरक्षा को बढ़ाया जाए। मुख्तार का कहना था कि बांदा जेल के अंदर उसे मारने की साजिश रची जा चुकी है। माफिया मुख्तार अंसारी ने जेल में हत्या की आशंका जताते हुए कोर्ट से सुरक्षा देने की मांग की थी। मुख्तार ने सोनभद्र से ट्रांसफर होकर बांदा जेल में आए एक सिपाही से खुद को खतरा बताया था। उसने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे। मुख्तार का कहना था कि जेल प्रशासन कभी भी उसकी हत्या करवा सकता है।

कोई भी अब मुख्तार की बैरक तक नहीं जा सकता?

मुख्तार की इस अपील के बाद ही उसकी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है और इसलिए उसकी बैरक की निगरानी भी लखनऊ से की जा रही है। मुख्तार की बैरक में कोई कैदी भी नहीं सकता और अगर पुलिस वाले को भी मुख्तार आना है तो पूरी फॉर्मेलिटी को पूरा करना होगा। बाहर से मिलने वालों को लेकर भी उस तक पहुंचने में रोक लगाई गई है। हां मुख्तार के करीबी रिश्तेदार उससे मिलने आ सकते हैं।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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