दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों के मामले में 20 जुलाई यानी आज फिर सुनवाई होगी। इससे पहले 18 जुलाई को दिल्ली की एक अदालत ने पेशी के बाद बृजभूषण शरण सिंह को दो दिन की अंतरिम जमानत दे दी थी। आज दोबारा इस मामले में नियमित जमानत पर सुनवाई होगी। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट की ओर से अंतरिम जमानत का आदेश तब पारित किया गया जब दिल्ली पुलिस की ओर से पेश सरकारी वकील ने कहा कि भले ही चार्जशीट बिना गिरफ्तारी के दाखिल किया गया है, फिर भी वह जमानत याचिकाओं का विरोध कर रहे हैं। मजिस्ट्रेट ने कहा था कि इस मामले में बिना गिरफ्तारी के ही आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार आरोपी व्यक्ति अदालत के समन पर यानी बिना किसी दंडात्मक प्रक्रिया के उपस्थित हुए हैं।
छह महिला पहलवानों और एक नाबालिग पहलवान की ओर से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद चर्चा में आए बृजभूषण शरण सिंह पहली बार इस मामले में दिल्ली की एक अदालत में 18 जुलाई को पेश हुए थे और इस मामले में जमानत का अनुरोध किया। कई पदक विजेता पहलवानों और विपक्षी नेताओं के विरोध के बावजूद बृजभूषण सिंह को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया।
सिंह के वकील ने पिछली सुनवाई के दौरान मीडिया ट्रायल का आरोप लगाया, जिस पर जज ने कहा कि वह हाई कोर्ट या निचली अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर कर सकते हैं। हालांकि सिंह की तरफ से इस संदर्भ में मेट्रोपॉलिटिन अदालत में कोई आवेदन नहीं दिया गया। अदालत ने बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को पिछली सुनवाई के दौरान गुरुवार तक अंतरिम जमानत थी थी और आज नियमित जमानत याचिका पर विचार किया जाएगा।
दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद के खिलाफ 15 जून को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप पत्र दायर किया था। वर्तमान मामले के अलावा, एक नाबालिग पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों के मद्देनजर सिंह के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जो यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत थी। वह उन सात महिला पहलवानों में शामिल थी जिन्होंने सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
Author: samachar
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