सुशील कुमार तिवारी की रिपोर्ट
नोएडा। लोगों के पैन कार्ड (Pan Card) और अन्य दस्तावेज धोखे से हासिल करके बड़ी धोखाधड़ी का पर्दाफाश हुआ है। दस्तावेजों का दुरुपयोग करके फर्जी तरीके से कंपनियां रजिस्टर्ड करवाकर 15 हजार करोड़ रुपये (Noida Fraud Gang arrested) से ज्यादा की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। पूरे मामले में तीन और लोगों को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया है।
इनके पास से पुलिस ने नकद रुपये, फर्जी दस्तावेज, मोबाइल फोन, दो लग्जरी कारें आदि बरामद की हैं। इनके 12 साथियों को पुलिस पूर्व में गिरफ्तार कर चुकी है।
पुलिस उपायुक्त (जोन प्रथम) हरिश्चंद्र ने बताया कि एक जून को थाना सेक्टर 20 पुलिस ने एक सूचना के आधार पर अश्वनी पांडे, यासीन, दीपक मजलानी, विनीता मजलानी, विशाल सिंह, आकाश सिंह, अतुल सेंगर, राजीव सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया था।
उन्होंने बताया कि कुछ आरोपियों को पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो इनके गिरोह के कुछ अन्य साथियो के बारे में जानकारी हुई।
पुलिस ने 10 जून को गौरव ,साहिल, विशाल और राहुल को गिरफ्तार किया। इनके पास से पुलिस ने नोट गिनने वाली मशीन, लैपटॉप, फर्जी दस्तावेज आदि बरामद किया।
लग्जरी कारें , मोबाइल फोन, कैश बरामद
इनके पास से पुलिस ने दो लग्जरी कारें, 42 हजार रुपए नकद, मोबाइल फोन आदि चीजें बरामद की हैं। उन्होंने बताया कि इस गिरोह के लोगों ने अब तक 2,600 से ज्यादा कंपनियां बनाकर 15 हजार करोड़ से ज्यादा की ठगी करने की बात स्वीकार की है।
ऐसे कर रहे थे फ्रॉड
गिरोह दो तरीके से फ्रॉड करता था। गिरोह की पहली टीम फर्जी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, बिजली बिल आदि का इस्तेमाल कर फर्जी कंपनी बनाती थी। इसके बाद इसका जीएसटी नंबर लिया जाता था। वहीं दूसरी टीम फर्जी कंपनी के नाम पर फर्जी बिल बनवाकर जीएसटी रिफंड प्राप्त कर सरकार को चूना लगाती थी।
फर्जी कंपनी से काला धन हो रहा था सफेद
पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई है कि जालसाज फर्जी कंपनियों को जीएसटी नंबर के साथ ऑन डिमांड बेच देते थे। इन कंपनियों के नाम पर पैसे जमा कर काले धन को सफेद किया जा रहा था। पुलिस इन जालसाजों से एक से डेढ़ लाख रुपये फर्जी कंपनी खरीदने वालों की जांच में जुटी है।
Author: samachar
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