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November 22, 2024 8:27 pm

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‘मेडल की कीमत तो 15 रुपए, नकद पुरस्कार लौटाओ’…ऐसा क्यों बोला बृजभूषण शरण सिंह ने 

15 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

दिल्ली के जंतर-मंतर पर बैठे पहलवानों के धरने का आज 27वां दिन है। खापों द्वारा महापंचायत कर सरकार को दिए गए अल्टीमेटम के अब सिर्फ दो ही दिन बचे हैं। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। ऐसे में 21 मई के बाद इस धरने व आंदोलन को बड़ा रूप दिया जा सकता है।

अगर वापस करना ही है तो करोड़ों रुपए का नकद पुरस्कार करें- बृजभूषण शरण सिंह

बता दें कि एक यू-ट्यूबर को दिए इंटरव्यू में बृजभूषण ने खिलाड़ियों को लेकर कई तरह की बातें कही हैं। बृजभूषण ने खिलाड़ियों के मेडल लौटाए जाने की बात पर कड़ी टिप्पणी की ही है। उन्होंने कहा है कि मेडल की कीमत तो 15 रुपए हैं। अगर वापस करना ही है तो करोड़ों रुपए का नकद पुरस्कार करें। उन्होंने कहा कि जो पैसा फेडरेशन, सरकार, जनता ने उन्हें दिया है। गांव-गांव में मान-सम्मान हुआ है। जिसकी कीमत कई करोड़ रुपए है। ये वापस करें, तब मेडल वापस माने जाएंगे। इस खेल के बदौलत नौकरी मिल गई है, मेडल लौटा भी देंगे तो क्या होगा। सारा पैसा ब्याज सहित वापस लौटाए।

बजरंग पूनिया ने दिया ये जवाब

वहीं बजरंग पूनिया ने कहा कि ये मेडल सालों की मेहनत और करोड़ों देशवासियों की दुआओं की वजह से आया है। जब हम मैदान में उतरते हैं तो देशवासी काम छोड़कर हमारे लिए प्रार्थना करते हैं। हमारे गले में मेडल डलता है तो हर देशवासी का सीना चौड़ा होता है। ये मेरे भारत देश का मेडल है, इसकी कीमत कोई क्या लगाएगा भाई।

साक्षी ने ट्वीट कर दिया ये जवाब

पहलवानों के मेडल को 15 रुपए का बताने पर इस पर साक्षी मलिक ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि गुड्डे-गुड़िया से खेलने की उम्र से अखाड़े की मिट्टी को दोस्त बनाया। जिस मेडल को 15 रुपए का बताया, उसके लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया। शर्म की बात है हमारे देश में चैम्पियंस का ये हाल हो रहा है। मैंने ये मेडल देश के लिए जीता है, कोई इसकी कीमत नहीं लगा सकता।

जानिए धरने में अब तक क्या हुआ

दिल्ली के जंतर-मंतर पर 18 जनवरी 2023 को विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना देना शुरू कर दिया था। आरोप लगाया कि कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कई महिला पहलवानों का यौन शोषण किया है। विनेश ने आरोप लगाया कि बृजभूषण होटल के उसी फ्लोर पर रुकते थे, जहां महिला पहलवान ठहरती थीं।

विवाद बढ़ने के बाद खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से पहलवानों की मुलाकात हुई और 21 जनवरी को धरना खत्म हो गया। भरोसा मिला कि चार हफ्ते के अंदर कमेटी की जांच रिपोर्ट आएगी, तब तक बृजभूषण सिंह के अधिकार छीने जाते हैं। जांच की मियाद को दो हफ्ते बढ़ाया गया। लेकिन यह रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं हुई है। इसके बाद पहलवान एक बार फिर 23 अप्रैल को जंतर-मंतर पर धरना देने पहुंच गए। उन्होंने कहा कि हमें इंसाफ नहीं मिला है और जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होती है धरना जारी रहेगा।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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