मोहन द्विवेदी की खास रिपोर्ट
सयान अली के जैसे इनफ्लुएंसर आजकल सोशल मीडिया पर काफी प्रचलित हो रहे हैं, जो अपने वीडियो के माध्यम से विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार प्रकट करते हैं। उनके माध्यम से लोगों को अपनी राय और विचारों को साझा करने का एक माध्यम मिलता है। इन इनफ्लुएंसर्स का मकसद विशेषतः अपने समुदाय या देश के बारे में जागरूकता फैलाना, तारीफ और प्रशंसा करना या सामान्यतः विचारों और विपक्ष में मतभेद करना हो सकता है।
इस प्रकार के इनफ्लुएंसर्स का उदय विभिन्न कारणों से हुआ है, जहां सोशल मीडिया पर अधिक उपस्थिति और प्रभाव होने के कारण वे लोगों के बीच अपनी बात पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा, यह व्यक्ति के बारे में व्यापक जानकारी और विचार प्राप्त करने का एक आसान तरीका भी प्रदान करता है। लोग इन इनफ्लुएंसर्स के माध्यम से विभिन्न विषयों पर बहस करते हैं और उनके मत के प्रति सहमत या असहमत भी व्यक्त कर सकते हैं।
दादा-दादी ने की सबसे बड़ी गलती
सयान अली के ट्विटर पोस्ट में वे अपने दादा-दादी के विचारों और अपनी व्यक्तिगत दुखभरी भावनाओं को साझा कर रहे हैं। उन्होंने यह कहा है कि पाकिस्तान की स्थापना धर्म के आधार पर हुई थी और उनके परिवार ने इसे चुना क्योंकि वे मुसलमान थे। इस पोस्ट में सयान अली ने अपने दादा-दादी के फैसले को गलत बताया है और अपने दर्द को भी व्यक्त किया है। यह एक व्यक्तिगत रचनात्मक अभिव्यक्ति है और इसका उद्देश्य पाठकों को सोचने और विचार करने पर प्रेरित करना है।
पाकिस्तानी होने का अफसोस
सयान अली की पोस्ट से पता चलता है कि उन्हें अपने पाकिस्तानी होने पर अफसोस है। उन्होंने यह बताया है कि यदि वे भारत में होते तो सुरक्षा मुद्दों के कारण अपने देश को छोड़ना नहीं पड़ता।
उन्होंने दावा किया है कि मुस्लिम और हिन्दू कभी दुश्मन नहीं थे और उन्हें इन दोनों समुदायों को अलग करने चाहने वाले असामाजिक ताकतों के बारे में भी जानकारी है। सयान अली के मुताबिक कुछ बाहरी ताकतें अखंड भारत को देखकर डर गई थीं और उन्होंने विभाजन को सफलतापूर्वक प्राप्त किया है।
संस्कृति भी भारत की नकल
सयान अली के अनुसार, पाकिस्तान को संस्कृति के मामले में देश के रूप में मान्यता नहीं देनी चाहिए क्योंकि उनके अनुसार पाकिस्तान की संस्कृति बस भारतीय संस्कृति की नकल थी। इसे उन्होंने बंटवारे के समय जमीन के टुकड़े को अलग करने वाले लोगों की बुद्धिमानता पर संकेत करते हुए कहा है। उन्होंने आखिरी में लिखा है कि उनका उद्देश्य सिर्फ हिंदूओं और मुसलमानों के बीच नकारात्मकता को फैलाना था।
उनका वीडियो जिसमें हनुमान चालीसा गाया गया था, वायरल हुआ था और इसके आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़े फैन होने का दावा किया जाता है।
महत्वपूर्ण नोट: यहां लेखक द्वारा प्रदान की जाने वाली जानकारी बाजार में उपलब्ध डेटा और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित होती है। यद्यपि यहां प्रस्तुत किए गए दावे और तथ्यों की पुष्टि नहीं की जा सकती।
Author: samachar
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