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गज़ब बाबागिरी ; ओम शिव बैलेंस, मेडिकल, चमत्कार, फर्जीवाड़ा कलाकार, पढ़िए करौली बाबा का आदि से अब तक का सच

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला और राकेश तिवारी की रिपोर्ट 

वो आश्रम, जिसके मालिकनुमा बाबा पर नोएडा के एक डॉक्टर ने मारपीट का आरोप लगाया। आरोप और भी हैं। जमीन हड़पने के। बात न मानने पर धमकाने के। 

नारंगी रंग का एक किला, जिसके दोनों तरफ मगरमच्छ या खाईयां नहीं हैं, लेकिन चौकसी भरपूर है। कहीं भी जाएं, बाबा हर कोने में मिलेंगे। उनके आदमकद पोस्टर या नाम हर जगह खुदा दिखता है। मौजूदा आश्रम लगभग 14 एकड़ में फैला हुआ। लेकिन बाहर भी इसका साम्राज्य कम नहीं। एक लंबा-सा हॉल खुले में बना हुआ दिखा। ये डॉरमेट्री है, जहां फ्री की पूजा करने वाले ठहरते हैं। दौड़कर एक से दूसरे सिरे तक जाना चाहें तो कम से कम 5 मिनट लग जाएं, इतने लंबे-चौड़े हॉल में तीन ही पंखे लगे हुए। जमीन पर गद्दों में मरीज और तीमारदार सोए हुए।

हॉल की सीधी दीवार पर मोहर, यानी बाबाजी की विशालकाय तस्वीर मुस्कुरा रही है।

करौली सरकार (Karauli Sarkar) बाबा उर्फ संतोष सिंह भदौरिया आजकल विवादों में हैं। उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ है। अपने चमत्कार के दम पर लोगों के दुख दूर करने और उनका इलाज करने का दावा करने वाले करौली सरकार उर्फ संतोष सिंह भदौरिया पर नोएडा निवासी सिद्धार्थ चौधरी ने केस दर्ज कराया है। सिद्धार्थ का आरोप है कि बाबा और उनके सेवादारों ने उनकी पिटाई की है।

बड़ी से बड़ी बीमारी के इलाज का दावा करने वाले करौली सरकार आश्रम के बाबा संतोष सिंह भदौरिया कौन हैं?

करौली सरकार आश्रम के बाबा संतोष सिंह भदौरिया कानपुर के रहने वाले हैं। संतोष सिंह भदौरिया 2003 में शिवसेना पार्टी से जुड़े थे, लेकिन बाद में किसान यूनियन के सदस्य बन गए। 2010 तक किसान यूनियन से जुड़े रहने के बाद कई तरह की थैरेपी सीखने के लिए केरल का रुख किया।

उन्होंने केरल से थैरेपी सीखने के बाद डॉक्टर के तौर पर कानपुर के सिविल लाइंस स्थित अपने घर में ही क्लीनिक खोली। वे क्लीनिक में आयुर्वेदिक लेप के जरिए एंजाइटी, सर्वाइकल और बैकपेन से जुड़ी बीमारियों के इलाज का दावा करने लगे। 2012 में करौली में अपने बेटों लव-कुश के नाम पर आश्रम खोला और 14 एकड़ में फैले आश्रम को किसी छोटे-मोटे शहर की तरह विकसित किया। बाबा ने पहले थोड़ी जमीन ली और बाद में जमीन आश्रम का विस्तार करते चले गए।

‘बाबा’ किन चमत्कारों का दावा करते हैं?

संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली सरकार के मुताबिक वह शिव की शक्ति और तंत्र से लोगों का इलाज करते हैं। लोगों को ईश्वरी इलाज कर पूरी तरीके से ठीक करते हैं। कोई भी साध्य रोग हो या असाध्य रोग हर रोग का उनके पास इलाज है।

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करौली सरकार आश्रम का है रेट कार्ड

बीमारी का इलाज कराने और बाबा से मिलने वालों की भीड़ सुबह 8 बजे से लगने लगती है। मुलाकात के लिए उन्हें 5100 रुपए का टोकन लेना पड़ता है। आश्रम में माइक लगा है। लोग बारी-बारी आते हैं और अपनी समस्या बताते हैं। आश्रम में दो मंदिर बनाए गए हैं पहला मंदिर करौली सरकार राधा रमण मिश्र का है और दूसरा मंदिर कामाख्या माता का। अब यहां के लोग इन्हें करौली बाबा के नाम से जानते हैं।

अभी किस विवाद में फंसे है बाबा?

संतोष सिंह भदौरिया पर नोएडा निवासी सिद्धार्थ चौधरी ने केस दर्ज कराया है। डॉ. सिद्धार्थ का कहना है कि सोशल मीडिया पर करौली गांव के बारे में काफी देखने-सुनने के बाद वे पिता, मां और पत्नी के साथ 22 फरवरी को आश्रम पहुंचे। आश्रम में एंट्री लेने के लिए 2600 रुपए की रसीद कटवाई। बाबा ने उनर फूंक मारी और कहा “ओम शिव बैलेंस।” सिद्धार्थ ने आरोप लगाया है कि “मुझ पर इसका कोई असर नहीं हुआ तो मैंने सवाल उठाया। इस पर बाबा नाराज हो गए और कहा भाग जाओ यहां से। इसके बाद पूरी फैमिली को समर्थकों से उठवा लिया। बांधकर लोहे की रॉड से पिटाई की और आश्रम से बाहर भेज दिया।”

मामले में करौली बाबा ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि षड्यंत्र के तहत उनके खिलाफ मुकदमा लिखवाया गया है। ऐसी कोई घटना आश्रम में हुई ही नहीं है। मुकदमा लिखवाने वाला शख्स उल्टा उन्हें ही उकसा रहा था। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के साथ-साथ दरबार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उनका दावा है कि 23 साल से दरबार लग रहा है एक भी शिकायत स्थानीय थाने में नहीं की गई।

पहले भी कई आपराधिक मामले पहले दर्ज, NSA की कार्यवाही भी हो चुकी है

बाबा के ऊपर चर्च की जमीन हड़पने का आरोप लग चुका है. साल 1992 से 95 के बीच उनके ऊपर हत्या, 7 सीएलए समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हुए थे। 1994 में उनके ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) की कार्रवाई भी की गई थी। इस मामले में तत्कालीन जिलाधिकारी दिनेश सिंह के आदेश पर एनएसए की कार्रवाई भी हुई थी।

1992 से 1995 के बीच दर्ज हुए मामलों के बारे में पूछने पर बाबा कहते हैं कि राजनीति के चलते मेरे ऊपर समाजवादी पार्टी सरकार में एफआईआर दर्ज की गई है। उनका दावा है कि गंभीर धाराओं में तमाम मुकदमे लगाए गए जो राजनीतिक हैं। NSA की कार्रवाई भी उस दौरान की गई थी जिसे बाद में सरकार को वापस लेना पड़ा।

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चमत्कार के दावों पर क्या कहते हैं बाबा?

दरबार में होने वाले चमत्कारों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि जो मैं दरबार में कर रहा हूं वह नया नहीं है। बचपन से ही सीखा है पहले मैं आयुर्वेदिक चिकित्सा करता था तब भी इलाज कराने वालों की भीड़ उमड़ती थी।

वकील ने बाबा संतोष सिंह भदौरिया को खुला चैलेंज दिया है

कानपुर के जूही में रहने वाले वकील अनिरुद्ध जायसवाल ने करौली सरकार के बाबा संतोष सिंह भदौरिया को खुला चैलेंज दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो अपलोड करते हुए कहा है कि आप दावा करते हो कि आपके दरबार में सभी रोगों का इलाज होता है। मैं आपके दावे से पूरी तरह असहमत हूं, मेरे बेटा को बोलने और सुनने में दिक्कत है। इसकी स्पीच थैरिपी चल रही है। इसके सुनने की शक्ति का इलाज चल रहा है। इसी के साथ की मेरी जुड़वा बेटी है, जिसकी आंखों में भेंगापन का रोग है। मैं करौली सरकार के संतोष सिंह भदौरिया से पूछना चाहता हूं कि मैं आपके दरबार में कब आ जाऊं। मैं बाबा को खुला चैलेंज देता हूं कि दोनों बच्चों को ठीक कर दें तो मेरे नाम पर जितनी भी संपत्ति है आपको दान कर दूंगा।

एक दिन में इलाज चाहिए तो 1.51 लाख लेते हैं करौली बाबा

आश्रम में आने के बाद सबसे पहले 100 रुपए में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके बाद 100 रुपए बंधन का चार्ज लगता है। बंधन यानी कमर पर सफेद धागा बांध दिया जाता है। इसे हर तीन महीने में रिन्यू भी कराना होता है।

इसके बाद 100-100 रुपए की दो अर्जियां दोनों दरबार के लिए लगती हैं। साथ ही उन्हें 8वें और 9वें दिन के हवन में शामिल होना होता है। इसके लिए करीब 6200 रुपए लगते हैं। यानी यहां आने वाले हर शख्स को कम से कम 6600 रुपए तो खर्च करने ही होंगे। 

आश्रम की तरफ से 3500 रुपए का एक हवन किट मिलता है। आपको कम से कम 9 हवन करने ही होंगे। यानी हर दिन के लिए एक किट खरीदनी होगी। जिसका खर्च 31,500 रुपए आएगा। अगर आप 9 दिनों तक आश्रम में रुकते हैं और खाना-पीना करते हैं तो उसका खर्च अलग से।

जो लोग हवन नहीं करना चाहते, वे अर्जी लगाने के बाद लौट जाते हैं। इसे नमन प्रक्रिया कहा जाता है।

यह खर्च व्यक्तिगत है। अगर आप परिवार के साथ आते हैं तो हर सदस्य के लिए रजिस्ट्रेशन, बंधन और अर्जियां लगेंगी।

जो लोग 9 दिन हवन नहीं कर सकते या जिन्हें जल्दी इलाज चाहिए। उनके लिए एक दिन का भी विकल्प है। इसका खर्च 1.51 लाख रुपए तक आता है। इसमें हवन के साथ कई पंडित मिलकर रुद्राभिषेक और पूजा-पाठ कराते हैं।

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बाबा ब्लैक मैजिक यानी काला जादू से भी छुटकारा दिलाने का दावा करते हैं। इसके लिए 2100 रुपए फीस देनी होती है। इसके अलावा वे आरोग्य हवन भी कराते हैं। इसके लिए 21 हजार रुपए लगते हैं।

अलग-अलग लोगों से बात करने के बाद पता चला कि यहां आने वाला कमोबेश हर परिवार एक से डेढ़ लाख रुपए खर्च कर ही देता है। इस तरह अगर बाबा के दरबार के एक दिन का हिसाब-किताब करें तो करोड़ रुपए का आंकड़ा आसानी से पार हो जाएगा।

बाबा का है अपना बॉलीवुड! कैमरा और शानदार साउंड सिस्टम…कलाकारों को रटी होती है स्क्रिप्ट

करौली सरकार प्रकरण में बाबा से जुड़े नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब पता चला है कि बाबा भाड़े के भक्तों से भौकाल बनाता है। किराये के कलाकार बाबा के दरबार में बाल खोलकर भूतप्रेत आने का नाटक करते हैं। इसी का वीडियो बनाकर भ्रामक प्रचार किया जाता है।

बाबा के सभा में आते ही समर्थक तय जगह पर बैठ जाते हैं। इसके बाद वहां मौजूद बाबा के गुर्गे एक-एक करके सभा में आए लोगों को उनकी समस्या बताने के लिए माइक पर बुलाते हैं। इसके बाद बाबा सभी से आंख बंद कर ध्यान लगाने को कहता है।

कलाकारों को दी जाती है ट्रेनिंग

इस बीच भीड़ से कुछ महिलाएं चीखने लगती हैं। वो बाल खोलकर खुद पर भूत का साया बताती हैं। तभी अन्य कलाकार भी अपने रोल में आ जाते हैं, सिर और हाथ पटकने लगते हैं। यह करने वाले ‘कलाकारों’ को बाकायदा नाटक की ट्रेनिंग दी जाती है।

बाबा के सामने ही बनाया जाता है वीडियो

इस बीच म्यूजिक से ऐसा डरावना माहौल बनाया जाता है ताकि लोगों को भ्रम जाल सच लगे। इसके बाद उन्हें बाबा के सामने खड़ा कर उनका वीडियो बनाया जाता है। इसके बाद वह झूमते हुए भूत प्रेत से मुक्ति समेत बाबा की कृपा से सब दुखों के निवारण के बारे में कहती हैं।

भूतप्रेत की बाधाएं दूर करने का होता है नाटक

इसकी पटकथा पहले ही उन्हें रटा दी जाती है। इन कलाकारों को दो से ढाई हजार रुपये प्रतिदिन के दिए जाते हैं। मंडली का एक ठेकेदार भी होता है। इसके बाद बाबा उन महिलाओं पर सवार भूतप्रेत की बाधाएं नाटकीय ढंग से दूर करने का नाटक करते हैं। ऐसे ही भ्रामक वीडियो को लोग सच मान बाबा के जाल में फंस जाते हैं।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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