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10 January 2025 7:46 pm

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“क्या बीजेपी के साथ हैं यूपी के मुसलमान?” राजभर के दावे ने यूपी के गुनगुने सियासत को खौला दिया

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

उत्तर प्रदेश में जाति और वर्ग आधारित राजनीति की जब भी बात होती है तो मुसलमान वोट सबसे ज्यादा चर्चा में रहता है। यूपी में 20 फीसदी मुस्लिम वोट है, जिस पर हमेशा से कांग्रेस, सपा और बसपा का कब्जा माना जाता रहा है। हालांकि, इस बार अखिलेश यादव मुसलमानों के वोट पर चोट करने के लिए जोर आजमाइश करने में लगे हुए हैं। यही कारण है कि अखिलेश ने सवर्ण वोट को त्यागने का मन बना लिया है। वो लगातार दलित, ओबीसी और मुसलमान वोट पर ध्यान दे रहे हैं। हालांकि, इस बीच सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर (Om Prakash Rajbhar) के नए दावे ने सियासी गलियारों में चर्चा को जन्म दे दिया है।

राजभर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यूपी का मुसलमान भारतीय जनता पार्टी को वोट करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि लखनऊ के लाखों मुसलमान बीजेपी के साथ खड़े हैं और उनका वोट भी बीजेपी को ही जाता है। अब शेख, सैयद, पठान और शिया भी बीजेपी के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।

उन्होंने एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा, ‘यह जानकर मैं हैरान रह गया कि जिन्हें समाजवादी पार्टी अपना वोट बैंक बताती रही है, उनके मन में कुछ और ही है। मैं अपने विधानसभा के दौरे पर गया था, वहां कई मुसलमान ऐसे मिले जिन्होंने साफ तौर पर कहा कि वो बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता हैं और उनके यहां से बड़ी संख्या में बीजेपी को वोट जाता है।’

तीन पार्टियों ने मुसलमानों को डराने का काम किया

उन्होंने कहा कि कांग्रेस, बसपा और सपा ने हमेशा से मुसलमानों को डरा-धमकाकर उनका वोट लेने का काम किया है। यही कारण है कि आजादी से पहले नौकरी में मुसलमानों की हिस्सेदारी 30 फीसदी थी जो अब काफी घट गई है। राजभर ने कहा कि इन तीनों पार्टियों ने इतना विकास किया है कि आज के समय में 1 परसेंट मुसलमान भी उनके साथ नहीं हैं। इसलिए अब मुस्लिम धर्म के लोग भी अपने-पराए में फर्क समझ गए हैं। उन्हें अब दोस्त व दुश्मन में फर्क साफ नजर आने लगा है और इस स्थिति में मुसलमान बीजेपी को वोट करने की तैयारी में है।

बीजेपी में शामिल होंगे राजभर!

ओपी राजभर इस समय किसी गठबंधन में नहीं हैं। हालांकि, उनके बीजेपी में शामिल होने की पूरी संभावना जताई जा रही है। राजभर ने 2017 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी से दोस्ती की थी और गठबंधन में चुनाव लड़ा था। लेकिन 2022 के चुनाव से पहले वो बीजेपी से अलग हो गए और समाजवादी पार्टी के गठबंधन में शामिल हो गए। लेकिन चुनाव के बाद उन्होंने यहां भी बगावत कर दी और सपा गठबंधन से खुद को अलग कर लिया। अब एक बार फिर से उनके एनडीए का हिस्सा बनने की चर्चा है। इसके संकेत वो अपने बयानों से भी दे रहे हैं। वो लगातार बीजेपी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ में कसीदे पढ़ते नजर आ रहे हैं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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