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अतर्राबांदा

संस्मरण संग्रह ‘स्मृतियों की धूप-छाँव’ के आवरण का लोकार्पण

53 शिक्षक-शिक्षिकाओं के संस्मरण हुए शामिल

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

अतर्रा (बाँदा)। बेसिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओं के संस्मरण विधा केंद्रित लेखों का साझा संग्रह ‘स्मृतियों की धूप-छाँव’ का आवरण पृष्ठ संपादक प्रमोद दीक्षित द्वारा रचनाकारों के बीच आनलाइन माध्यम से लोकार्पित किया गया।

प्रकाश्य पुस्तक में 53 शिक्षक-शिक्षिकाओं के रोचक, भावपूर्ण, मनोरंजक एवं मार्मिक संस्मरण लेखों को स्थान मिला है। भूमिका लेखन प्रसिद्ध संस्मरणकार जितेंद्र शर्मा ने किया है तो वरिष्ठ साहित्यकार महेशचंद्र पुनेठा, रामनगीना मौर्य एवं आलोक मिश्रा ने पुस्तक पर शुभकामनाएं व्यक्त की है। पुस्तक का लोकार्पण 3 जनवरी को चित्रकूट में किया जाएगा।

आवरण पृष्ठ का लोकार्पण करते हुए शैक्षिक संवाद मंच के संस्थापक एवं साझा संग्रह ‘स्मृतियों की धूप-छाँव’ के संपादक प्रमोद दीक्षित मलय ने बताया कि बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश में कार्यरत साहित्यिक अभिरुचि संपन्न शिक्षक-शिक्षिकाओं की रचनाधर्मिता को प्रकट करने हेतु शैक्षिक संवाद मंच साझे संग्रहों के प्रकाशन योजना पर काम कर रहा है। अब तक कविता पर तीन, जीवनी पर एक संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। यह संग्रह साहित्य की संस्मरण विधा पर केंद्रित है जिसमें प्रदेश के 53 शिक्षक-शिक्षिकाओं के संस्मरण लेखों को शामिल किया गया है।

जून माह में संस्मरण लेखन कार्यशाला का आयोजन किया गया था जिसमें 70 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने सहभागिता की थी। कथाकार देवेंद्र मेवाड़ी (नई दिल्ली) एवं संपादक महेशचंद्र पुनेठा के मार्गदर्शन में सहभागियों ने संस्मरण लेखन की बारीकियों को सीखा-समझा। ‘स्मृतियों की धूप-छाँव’ की भूमिका प्रसिद्ध संस्मरणकार जितेंद्र शर्मा (देहरादून) ने लिखी है।

वरिष्ठ साहित्यकार संपादक महेशचंद्र पुनेठा (उत्तराखंड), कथाकार रामनगीना मौर्य (लखनऊ) एवं लेखक आलोक मिश्रा (नई दिल्ली) ने अनुशंसात्मक अभिमत व्यक्त किया है।

आवरण पृष्ठ चित्रकार राज भगत ने तैयार किया है। पुस्तक का प्रकाशन रुद्रादित्य प्रकाशन, प्रयागराज द्वारा किया जा रहा है। रचनाकारों ने मां, पिता, दादी, नानी, शिक्षक, पालतू पशु, घटना एवं यात्रा आदि पर रुचिपूर्ण संस्मरण लिखे हैं। रचनाकारों ने आवरण पृष्ठ को विषय से जुड़ा हुआ एवं आकर्षक बता खुशी व्यक्त की है।

संस्मरण संग्रह ‘स्मृतियों की धूप-छाँव’ में शामिल शिक्षक-शिक्षिका रचनाकारों का विवरण निम्नवत् है – आभा त्रिपाठी एवं राजेंद्र राव (मऊ), वर्षा श्रीवास्तव एवं नीता कुमारी (अलीगढ़), स्मृति दीक्षित, अरविन्द सिंह, डॉ. कुमुद सिंह, कमलेश कुमार पांडेय, डॉ. श्रवण कुमार गुप्त, कुमुद (वाराणसी), ज्योति दीक्षित ‘बरखा’ एवं रेखा दीक्षित (मथुरा), मीना भाटिया, कुसुम कौशिक, बिधु सिंह, अर्चना वर्मा, हरियाली श्रीवास्तवा, कंचनबाला एवं अर्चना पांडेय (गौतमबुद्ध नगर), डॉ. शालिनी गुप्ता (सोनभद्र), आरती साहू (बाराबंकी), मोनिका सक्सेना एवं अर्चना रानी अग्रवाल (बुलंदशहर), उषा रानी (मेरठ), आराधना शुक्ला एवं रणविजय निषाद (कौशाम्बी), डॉ. रेणु देवी एवं शाजिया गुल उस्मानी (हापुड़), रुखसाना बानो (मिर्जापुर), आसिया फारूकी, इला सिंह एवं सीमा मिश्रा (फतेहपुर), रिचा अग्रवाल (ललितपुर), माधुरी जायसवाल (जौनपुर), शहनाज बानो एवं अशोक प्रियदर्शी (चित्रकूट), शीला सिंह एवं संतोष कुशवाहा (गाजीपुर), दुर्गेश्वर राय (गोरखपुर), वत्सला मिश्रा एवं फरहत माबूद (प्रयागराज), रीनू पाल ‘रूह’ (जालौन), माधुरी त्रिपाठी एवं श्रुति त्रिपाठी (बस्ती), अपर्णा नायक (महोबा), मंजू देवी वर्मा (अयोध्या), अनीता मिश्रा (बलरामपुर), शोभना शर्मा (सहारनपुर), शानू दीक्षित, प्रज्ञा त्रिवेदी एवं प्रमोद दीक्षित मलय (बाँदा), पायल मलिक (मुजफ्फरनगर), शंकर कुमार रावत (बलिया), मंजू वर्मा (हरदोई) आदि। पुस्तक का विमोचन 3 जनवरी को शैक्षिक संगोष्ठी एवं शिक्षक सम्मान समारोह, चित्रकूट में होगा।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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