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चुनाव २०२२राजनीतिराष्ट्रीय

उप चुनाव परिणाम कई राजनेताओं के सियासी कद का फैसला करेंगे

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

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मैनपुरी में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत पूरा यादव खेमा डिंपल यादव के पक्ष में प्रचार करने के लिए पड़ाव डाले हुए है। अखिलेश यादव बीते पखवारे से मैनपुरी में जबरदस्त जनसंपर्क कर चुके हैं। उधर द्वेषपूर्ण भाषण की वजह से छह साल तक चुनाव न लड़ पाने का प्रतिबंध झेल रहे समाजवादी पार्टी के आजम खां की प्रतिष्ठा रामपुर की दो विधानसभा सीटों पर दांव पर है।

सोमवार को मैनपुरी की लोकसभा सीट और रामपुर-खतौली विधानसभा सीटों पर मतदात के बाद कई नेता दम साधे चुनाव परिणाम के आने का इंतजार कर रहे हैं। मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हुए उप चुनाव में उनकी पुत्रवधू और अखिलेश यादव की पत्नी डिपंल यादव चुनावी मैदान में हैं। हालांकि डिपंल यादव फिरोजाबाद और कन्नौज में पूर्व में हुए लोकसभा के उप चुनाव में हार का सामना कर चुकी हैं।

मुलायम सिंह यादव का कभी गढ़ रही मैनपुरी सीट को सुरक्षित रखना अखिलेश यादव के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। यही वजह है कि बीते पन्द्रह दिनों से अखिलेश यादव मैनपुरी में मोर्चा संभाले हुए हैं। उनके साथ उनके चाचा शिवपाल यादव, रामगोपाल यादव समेत पूरा यादव कुनबा मैनपुरी के कमर तोड़ जनसंपर्क कर चुका है।

उधर रामपुर से लगातार दस बार विधायक रहे आजम खां के लिए इस बार रामपुर और खतौली विधानसभा सीटों को बचाना अब नाक का सवाल बन गया है। यही वजह है कि उन्होंने अपनी चुनावी तकरीरों में रामपुर की जनता से विनती तक कर डाली है कि वो उनकी प्रतिष्ठा को ध्यान में रख कर मतदान करें। जबकि भाजपा ने इन तीनों सीटों को हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मैनपुरी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कई चुनावी सभाओं को संबोधित कर वहां की जनता को विकास के नाम पर मतदान करने की अपील कर चुके हैं।

दरअसल 2017 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उप चुनाव में उस समय समाजवादी पार्टी की सहयोगी रही निषाद पार्टी के हाथों गोरखपुर गंवा चुके योगी को वह टीस आज भी कहीं साल रही है। यही हाल उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का भी है। फूलपुर की सीट को समाजवादी पार्टी के हाथों गंवाने वाले केशव भी मैनपुरी और रामपुर की दोनों विधानसभा सीटों को जीतने के लिए पूरा दम लगा चुके हैं। उन्होंने भी मैनपुरी में कई सभाएं की हैं, जिसके बाद अखिलेश यादव को चुनावी सभा में कहना पड़ा कि यदि वो सौ विधायक ले कर आ जाएं तो सपा उन्हें समर्थन देकर मुख्यमंत्री बनाने में कोई गुरेज नहीं करेगी।

मैनपुरी और रामपुर की सीटों पर हुए उप चुनाव के मतदान के बाद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र चौधरी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैनपुरी और रामपुर की जनता ने मतदान कर पार्टी के पक्ष में अपना फैसला सुरक्षित कर दिया है। हम तीनों सीटों पर जीत का परचम फहरानें में कामयाब होंगे।

जबकि उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का कहना है कि मैनपुरी और रामपुर की जनता समाजवादी पार्टी के विकास के सच से आजिज आ चुकी है। वो परिवर्तन की तरफ देख रही है और इस बार योगी आदित्यनाथ की अगुआई में भाजपा इन तीनों सीटों पर जीत का परचम फहराकर एक ऐसी मिसाल पेश करने जा रही है, जिसका असर प्रदेश की राजनीति पर काफी समय तक महसूस किया जाएगा।

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"ज़िद है दुनिया जीतने की" "हटो व्योम के मेघ पंथ से स्वर्ग लूटने हम आते हैं"
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