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December 5, 2024 7:03 am

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हर हाल में डिंपल को जीत का सेहरा पहनाने अखिलेश ने चला नेताजी का दांव

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

मैनपुरी: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में डिंपल यादव को जीत दिलाने के लिए सपा भरकस प्रयास कर रही है। इससे पहले अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने चाचा शिवपाल से भी मुलाकात की है।

बता दें कि डिंपल यादव की राह को आसान करने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अब मुलायम सिंह की राह पर चल पड़े हैं। मुलायम सिंह को जमीन से जुड़ा हुआ नेता माना जाता रहा है। उनका अचानक से किसी के यहां पहुंच जाना लोगों को बहुत भाता था। इसके अलावा सभाओं में भी लोगों को नाम से बुलाना मुलायम का एक खास अंदाज था। नेताजी के इसी अंदाज के चलते मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र हमेशा अजेय रही। वहीं नेताजी के निधन के बाद उनकी बहू डिंपल यादव चुनावी मैदान में उतरी हैं।

सपा अध्यक्ष लोगों से कर रहे मुलाकात

बता दें कि पहली बार मुलायम सिंह की तरह अखिलेश यादव भी मैनपुरी में अचानक से लोगों के घर पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं के अलावा आम जनता से भी मुलाकात की। वहीं डिंपल यादव के नामांकन से पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पूर्व विधायक रामेश्वर दयाल बाल्मीकि, सतीश सिंह राठौर और विद्याराम यादव के घर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अन्य लोगों से भी मुलाकात कर अपनापन जताया था।

वहीं डिंपल यादव के नामांकन के बाद शहर के पंजाबी कॉलोनी स्थित श्री एकरसानंद आश्रम पहुंचकर ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर शारदानंद सरस्वती की समाधि पर श्रद्धा पुष्प भी अर्पित किए थे। इसके अलावा सैफई वापसी के दौरान अखिलेश यादव करहल में राहुल जैन और नेताजी के करीबी पूर्व एमएलसी सुभाष यादव के आवास पर पहुंचकर मुलाकात की थी।

इस अंदाज से नेताजी विरोधियों को चटाते थे धूल

वहीं बीते 15 नवंबर को बिना किसी पूर्व कार्यक्रम के अखिलेश यादव कटरा समान पहुंच गए थे। इस दौरान सपा अध्यक्ष ने एक विद्यालय में लोगों से मुलाकात की थी। ऐसे में अखिलेश यादव कहीं ना कहीं धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव की तरह जमीन से जुड़ने की कोशिश में लगे हुए हैं। फिलहाल ये जुड़ाव उन्हें कहां तक ले जाएगा ये तो समय ही तय करेगा।

अखिलेश यादव के कटरा पहुंचने पर कई लोगों की यादें ताजा हो गईं। कटरा समान में रहने वाले मातादीन यादव ने बताया कि 90 के दशक में एक बार अचानक से नेताजी कार से आए थे। इसके बाद नेताजी ने कार से उतरकर चौराहे पर मौजूद एक दो लोगों को उनके नाम से बुलाया था। नेताजी द्वारा नाम से बुलाए जाने पर लोगों को यकीन नहीं हो रहा था।

बता दें कि फरवरी 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने खुद करहल से चुनाव लड़ा था। 

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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