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24 February 2025 2:50 am

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गरीबों के इलाज के बहाने अमीरों के वारे न्यारे ; इतना बड़ा घोटाला जानकर आप चौक जायेंगे

57 पाठकों ने अब तक पढा

सर्वेश द्विवेदी के साथ राकेश तिवारी की रिपोर्ट 

देवरिया। जिले में केंद्र सरकार की आयुष्यमान भारत योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। भारत सरकार ने आयुष्यमान योजना गरीबों के लिए चलाई थी जिसमें किसी भी गरीब व्यक्ति को पांच लाख तक का इलाज मुफ्त में दिया जा सके।  

जिले के एक प्राइवेट अस्पताल ने इस योजना में सरकार से लाखों रुपयों का घोटाला किया है। अस्पताल ने इस योजना में फर्जीवाड़ा करते हुए 387 मरीजों के फर्जी क्लेम करवा लिए हैं, जिसमें अस्पताल ने सरकार से 17,11,800 रुपयों का भुगतान करवा लिया है।

हालांकि सरकार को जब इस घोटाले के बारे में पता चला तो सरकार ने भी त्वरित कार्रवाई करते हुए इस अस्पताल पर फर्जीवाड़ा किए गए 17,11,800 रुपयों का दोगुना जुर्माना लगाया है। यानि कि अब अस्पताल को इस मामले में 34,23,600 रुपयों का जुर्माना भरना पड़ेगा। सरकार ने इस घोटाले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था जिन्होंने अपनी रिपोर्ट सरकार के सौंप दी। इस रिपोर्ट के आने के बाद। आयुष्मान भारत PMJAY और स्टेट हेल्थ एजेंसी ने इस अस्पताल प्रबंधन पर क्लेम की गई राशि का दोगुना जुर्माना लगाया है।

रुद्रपुर तहसील का मामला

कुछ दिनों पहले ही रुद्रपुर कस्बे में आशुतोष हॉस्पिटल में स्वास्थ्य विभाग ने अचानक छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान अस्पताल में अवैध अल्ट्रासाउंड मशीन बरामद की गई और डॉक्टर एस के त्रिपाठी के खिलाफ कार्रवाई की गई। इस छापेमारी के दौरान जब अस्पताल के डॉक्यूमेंट्स की जांच हुई तो अस्पताल प्रबंधन के कई और घोटालों के राज सामने आए। सीएमओ ने इस छापेमारी में अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी देते हुए इस अस्पताल में धांधली किए जाने की बात कही। सीएमओ ने जिलाधिकारी को बताया कि इस अस्पताल में आयुष्यमान भारत योजना को लेकर गड़बड़ियां हैं।

DM ने किया 3 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन

डीएम ने मामले को ध्यान से सुना और इस मामले में तीन सदस्यीय जांच कमेटी के जिम्मे जांच सौंपी। इस जांच में इस बात का पता चला कि आयुष्यमान योजना को लेकर यहां पर बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है। यहां पर 387 फर्जी क्लेम आयुष्यमान योजना के तहत किए गये हैं और इस क्लेम का अस्पताल प्रबंधन ने भुगतान भी करवा लिया है। इस पूरी रिपोर्ट को डीएम ने आयुष्यमान भारत पीएमजेवाई और स्टेट हेल्थ एजेंसी को भेजी। वहां भी इस रिपोर्ट की इंटर्नल जांच की गई तब जाकर मामले में फर्जी क्लेम की पुष्टि की गई।

387 फर्जी Claim का खुलासा

जब आयुष्यमान कार्ड धारकों के इलाज करवाने के रिकॉर्ड देखा गया तो अस्पताल में आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज कराने के बहुत सारे मामले एक जैसे पाए गए। इनमें से 387 ऐसे मामले भी सामने आए थे जो कि पूरी तरह से फर्जी थे अब जिला प्रशासन ने अस्पताल प्रबंधन पर घोटाला की गई राशि का दोगुना 34,23,600 रुपये का जुर्माना लगाया है। इस मामले में देवरिया के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर सुरेंद्र सिंह ने बताया कि आशुतोष हॉस्पिटल को लेकर स्टेट हेल्थ एजेंसी ने एक साल पहले ही अनियमितता की ओर प्रशासन को याद दिलाया था। अब जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद ये अस्पताल प्रबंधन पर ये एक्शन लिया गया है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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