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उत्तर प्रदेशगोरखपुर

एक हजार से अधिक मृत लोगों को ऐसे किया जिंदा और हड़प लिया लाखों रुपए

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

गोरखपुर। आजमगढ़ के लालबिहारी मृतक के जीवन पर आधारित फिल्म ‘कागज’ रिलीज के बाद लोगों को जीतेजी दस्तावेजों में मार देने की कहानी ने ध्यान खींचा था। लेकिन गोरखपुर में इससे उलट एक हजार मृतकों को जिंदा कर उनके खातों को संचालित करने का कारनामा डाक विभाग के तीन कमचारियों ने कर दिखाया है।

दरअसल प्रधान डाकघर समेत तीन शाखाओं में वर्षों से बंद पड़े सैकड़ों खातों को सक्रिय कर 50 लाख से अधिक की रकम साफ करने के मामले की जांच में अब घालमेल की परतें खुलने लगी हैं। अधिकारियों की कृपा से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को सिस्टम मैनेजर की जिम्मेदारी मिली तो उसने वर्षों से बंद चले रहे खातों की पूरी सूची तैयार कर ली। एक-एक कर उसने एक हजार खातों को न सिर्फ सक्रिय किया बल्कि उसमें पोस्टमास्टर की आईडी से पेंशन की रकम भी भेजी। 

सूत्रों के मुताबिक सिस्टम मैनेजर शैलेष के पास सभी शाखाओं के पोस्टमास्टर की आईडी व पासवर्ड भी था। उसके माध्यम से वह खातों को दूसरी शाखाओं में स्थानांतरित कर उसे सक्रिय कराता था। उसके बाद खातों में पेंशन व ब्याज की रकम भी ट्रांसफार कर देता था। सिसवा बाजार शाखा से दो खाते उसने प्रधान डाकघर में स्थानांरित कर उसे सक्रिय कराने के बाद एक पर एटीएम कार्ड भी जारी कराया। 

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सीनियर पोस्ट मास्टर की आईडी से दो खातों के साथ अन्य खातों में पेंशन की रकम भेजी। एक अधिकारी ने बताया कि उसने कुछ खातों से रकम दूसरे डाकघरों के खातों में स्थानांतरित कर उसे दबाव बनाकर विड्राल के माध्यम से निकाला। प्रधान डाक के पांच खातों से उसने करीब 19 लाख रुपये की निकासी की। इसमें एटीएम व विड्राल शामिल है। 

यह संयोग ही था कि सीवीओ अनुभाग ने छह माह पहले कूड़ाघाट डाकघर में 10 लाख के सरकारी धन के घालमेल को पकड़ लिया अन्यथा न जाने कब तक मृतकों के नाम पर कर्मचारी पेंशन व एमआईएस खाते में फिक्स रकम पर ब्याज का उपयोग करते रहते। हालांकि मामला खुलने के बाद कर्मचारियों ने विभाग के यूसीआर खातें में 40 लाख जमा कर दिए हैं। लेकिन रकम जाम कर देने से कर्मचारियों का अपराध कम होने की बजाय और बढ़ जाता है।

जांच के दायरे में आए प्रधान डाकघर के दो और कर्मचारी

एसएसपी की जांच टीम के दायर में प्रधान डाकघर सिस्टम मैनेजर के अलावा दो और कर्मचारी भी शक के घेरे में आ गए हैं। बताया जा रहा है कि इन कर्मचारियों ने ही सक्रिय किए गए खातों पर एटीएम कार्ड जारी किया था। गुरुवार को प्रधान डाकघर में यह चर्चा रही कि दो कर्मचारी और निलंबित किए गए हैं। हालांकि अफसरों ने इसकी पुष्टि नहीं की। 

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