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November 5, 2024 11:07 am

तिरंगे के साये में यूक्रेन से भारतीय छात्र अपने वतन महफूज लौट रहे हैं ; देखिए वीडियो ??

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परवेज़ अंसारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली। भारत की आन-बान और शान तिरंगा रूस और यूक्रेन की जंग के बीच भारतीय छात्रों की सुरक्षा का ढाल बना हुआ है। यूक्रेन में हर तरफ तबाही का मंजर और खौफ है। कई भारतीय छात्र भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। ऐसे में हर एक भारतीय को सुरक्षित वतन वापस लाना मोदी सरकार की प्राथमिकता बन गई है। इसी बीच जो सबसे बड़ी बात है वो यह कि तिरंगे के साये में भारतीय छात्र अपने वतन महफूज लौट रहे हैं।

यूक्रेन में तिरंगा भारतीयों का सुरक्षा कवच बना हुआ है। दूसरे देशों की सीमाओं पर पहुंच रहे छात्रों की बसों और अन्य वाहनों में तिरंगा झंडा लगाया गया है। इसके साथ ही  भारत सरकार के आदेश की प्रति भी बसों और गाड़ियों पर चस्पा की गई है।

तिरंगे को देखकर रूसी सेना के जवान सम्मान कर रहे हैं और छात्रों को हिफाजत के साथ उनकी मंजिल की ओर रवाना कर रहे हैं। रूसी सेना खुद उन वाहनों को सुरक्षित निकालने में मदद कर रही है जिस पर भारतीय झंडा लगा हुआ है। भारत लौटे एक छात्र ने बताया कि भारतीय झंडा लगा देख बसों को ससम्मान और बेरोकटोक जाने दिया जा रहा है।

पुतिन ने जारी किए आदेश

यूक्रेन युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से बातचीत की थी और यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। इस पर रूस के राष्ट्रपति ने आश्वासन जताया था कि वे भारतीय की सुरक्षा के लिए पुख्ता कदम उठाएंगे।

पुतिन ने कहा था कि यूक्रेन छोड़ने वाले भारतीयों की बस पर तिरंगा लगा होना ही उनकी सुरक्षा की बड़ी गारंटी है। पुतिन ने कहा था कि जिन गाड़ियों और बसों पर तिरंगा लगा होगा उनको रूसी सेना सुरक्षित बॉर्डर पर पहुंचाएगी और किसी को भी रोका नहीं जाएगा।

 

पुतिन के आदेश पर ही भारतीयों को सुरक्षित बॉर्डर तक आने दिया जा रहा है।बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं भारतीय भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के कूटनीतिक और व्यावहारिक प्रयास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट किया और कहा कि मोदी की रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से बातचीत के बाद ही यह संभव हो पाया है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."