संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट- जिले के रामनगर विकास खण्ड में सरकारी निर्देशों से ज्यादा जातिवाद हावी है जहां पर ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों में धांधली करने वालों पर कार्यवाही नहीं होती सिर्फ जातिवाद का सहारा लेकर भ्रष्टाचारियों को बचाने का काम किया जाता है जिसके कारण ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों के लिए आए धन का जमकर बंदरबाट किया जाता है लेकिन इन भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही करने में जिला प्रशासन भी असफल होता दिखाई दे रहा है।
रामनगर विकास खण्ड की ग्राम पंचायत घुरेहटा में मनरेगा योजना से बिना कार्य कराए ही लाखों रुपए का बंदरबाट किया गया है जिसमें कार्यवाही के नाम पर ग्राम पंचायत में तैनात सचिव आलोक कुमार सिंह के ऊपर कार्यवाही कर मामले को रफा दफा करने का काम किया गया है जबकि इस मामले में रोजगार सेवक,ग्राम प्रधान से लेकर तकनीकी सहायक, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी व कार्यक्रम अधिकारी सहित ठेकेदार की भूमिका संदिग्ध थी जिनकी मिलीभगत से मनरेगा योजना में जमकर बंदरबाट किया गया था।
वहीं विकास खण्ड की ग्राम पंचायत इटवा में लगभग तीन दर्जन से ज्यादा हुई गौवंशों की मौत पर भी जमकर जातिवादी खेल खेला गया व ग्राम पंचायत में तैनात सचिव आशीष सिंह के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं की गई है जबकि सरकार की प्रमुख योजनाओं में शुमार गौशाला व गौवंशों के साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने वाले के ऊपर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश हैं जिसमें जिलाधिकारी महोदय द्वारा सख्त निर्देश दिए गए हैं कि अगर गौवंशों के संरक्षण में लापरवाही बरतने वाले ग्राम प्रधान व सचिव के ऊपर त्वरित कार्यवाही होनी चाहिए लेकिन कार्यवाही नहीं हुई जिसके कारण ग्राम प्रधान व सचिव के हौसले बुलंद हैं व मनमाने तरीके से ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में पलीता लगा रहे हैं ।
ग्राम पंचायत इटवा में मनरेगा योजना से कराए गए इंटर लाकिंग खड़ंजों के निर्माण में घोर धांधली करते हुए सरकारी धन का बंदरबाट किया गया है जिसमें स्थानीय खनिज चोरी कर निर्माण कार्य करवाए गए हैं ।
रामनगर विकास खण्ड की कई ऐसी ग्राम पंचायतें हैं जहां पर विकास कार्यों के नाम पर सरकारी धन का जमकर बंदरबाट किया जाता है व जब भी कोई शिकायत कर्ता अपनी ग्राम पंचायत में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत करता है तो कार्यवाही के नाम पर सरकारी निर्देशों को दर किनार कर सिर्फ जातिवादी रंग में रंगकर जिम्मेदार अधिकारी भ्रष्टाचारी ग्राम प्रधान व सचिव को बचाने का काम करते हैं ।
सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक रामनगर विकास खण्ड की ग्राम पंचायतें जातिवादी मानसिकता का शिकार रहेंगी व कब तक जातिवादी रंग में रंगकर इन भ्रष्टाचारियों द्वारा सरकारी निर्देशों की अनदेखी की जाएगी व कब तक सरकारी धन का बंदरबाट होता रहेगा ।
अब देखना यह है कि आखिर कब तक विकास खण्ड रामनगर में जातिवाद हावी रहेगा व कब जातिवाद से छुटकारा पाते हुए ग्राम पंचायतों में सही तरीके से विकास कार्य हो पाएंगे यह एक बड़ा सवाल है ।
Author: samachar
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