चित्रकूट के सरैया गांव में गंदगी और विकास कार्यों में भारी भ्रष्टाचार का खुलासा, ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान व उनके पति पर जातिगत भेदभाव और सरकारी धन की लूट के गंभीर आरोप लगाए।
संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट। मानिकपुर विकास खंड की ग्राम पंचायत सरैया इन दिनों गंदगी, अव्यवस्था और भ्रष्टाचार की त्रासदी झेल रही है। गांव की बजबजाती नालियां और कीचड़युक्त रास्ते स्वच्छ भारत मिशन की जमीनी हकीकत को उजागर कर रहे हैं। बरसात के मौसम में हालात और भी बदतर हो गए हैं। साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है और स्वच्छता के नाम पर खरीदी गई किट केवल शो-पीस बनकर रह गई है।
15 वर्षों से प्रधानी, पर साफ-सफाई नदारद
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत सरैया में पिछले लगभग 15 वर्षों से कमल यादव और उनकी पत्नी गीता देवी बारी-बारी से ग्राम प्रधान पद पर काबिज हैं। वर्तमान में गीता देवी प्रधान हैं, लेकिन वास्तविक नियंत्रण प्रधान पति कमल यादव के पास है। ग्रामीणों का आरोप है कि कमल यादव ने विकास कार्यों में भारी अनियमितता करते हुए फर्जी हस्ताक्षरों के ज़रिए मनमाने भुगतान कर सरकारी धन का जमकर दुरुपयोग किया है।
स्वच्छता अभियान की हवा निकालती तस्वीरें
गांव की स्थिति इस कदर खराब है कि ब्राह्मण और अनुसूचित जाति समुदाय की बस्तियों में नालियां गंदगी से भर चुकी हैं और रास्ते कीचड़ से लथपथ हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान द्वारा जातीय भेदभाव किया जा रहा है। इन बस्तियों में सफाई व निर्माण कार्य नहीं कराए जाते, जबकि अन्य क्षेत्रों में दिखावे के लिए कभी-कभार लीपापोती कर दी जाती है। जब कोई अधिकारी दौरे पर आता है, तो कुछ जगहों की झाड़ू लगवा कर कोरम पूरा कर दिया जाता है।
निर्माण कार्यों में अवैध खनन का आरोप
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार ग्राम प्रधान द्वारा निर्माण कार्यों में पास के पहाड़ों से खनिज सामग्री चोरी कर इस्तेमाल की जा रही है। एमएम-11 (खनन परिवहन अनुमति पर्ची) के बिना ही भुगतान हो रहा है, जिससे शासन को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। यह सीधा-सीधा अवैध खनन और वित्तीय घोटाले की ओर संकेत करता है।
चल-अचल संपत्ति में भारी इज़ाफा, जांच की मांग
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि साधारण जीवन जीने वाले कमल यादव व गीता देवी ने प्रधानी के कार्यकाल में अकूत संपत्ति अर्जित कर ली है। करोड़ों रुपये की चल-अचल संपत्ति के मालिक बन चुके हैं। ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन तत्काल विकास कार्यों और वित्तीय लेन-देन की निष्पक्ष जांच कराए।
प्रशासन क्यों है मौन?
इन तमाम आरोपों और गड़बड़ियों के बावजूद ज़िला प्रशासन की चुप्पी सवाल खड़े करती है। यदि ईमानदारी से जांच कराई जाए, तो ग्राम पंचायत सरैया में हुए भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा हो सकता है।
🔜 अगले अंक में पढ़ें: स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण में हुए लाखों रुपये के घोटाले की पूरी कहानी…