उत्तर प्रदेश के संभल में वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करना मुस्लिम बुज़ुर्ग को पड़ा भारी। मस्जिद के बाहर चर्चा के दौरान विवाद बढ़ा और उन्हें पीटा गया। जानिए पूरा मामला।
उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले के गुन्नौर कस्बे में वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill 2025) को लेकर चल रही चर्चा ने एक आम आदमी की ज़िंदगी को झकझोर कर रख दिया। जाहिद सैफी, जो रोज़ की तरह नमाज़ अदा करने अबूबकर मस्जिद गए थे, वहां से निकलते ही ऐसी बहस में उलझे कि बात हाथापाई तक पहुंच गई।
वक्फ बिल पर समर्थन बना हमले की वजह
दरअसल, गुरुवार 3 अप्रैल की शाम लगभग चार बजे, मस्जिद के बाहर कुछ लोग वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा कर रहे थे। इसी दौरान जाहिद सैफी भी वहां पहुँचे और चर्चा में शामिल हो गए। जब कुछ लोगों ने बिल को “ग़लत” करार दिया, तो सैफी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह बिल एक “सही फैसला” है। उनके अनुसार,
“जो लोग वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं, उन्हें इससे तकलीफ हो रही है। लेकिन गरीबों को इससे उनका हक़ मिलेगा।”
‘तुम हिंदू हो गए हो’ कहकर किया हमला
हालाँकि, सैफी का यह तर्क वहां मौजूद कुछ लोगों को नागवार गुज़रा। बात इतनी बढ़ गई कि उन्हें ‘तुम मुसलमान नहीं, हिंदू हो गए हो’ जैसे कटु शब्द सुनने पड़े। इतना ही नहीं, मौके पर मौजूद रिज़वान, नौशाद और शोएब समेत कई अन्य युवकों ने उन पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। सैफी ने बताया कि उन्हें धारदार हथियार से कान पर भी मारा गया, जिससे उनका कान सुन्न हो गया और अब ठीक से सुनाई नहीं देता।
मौके से फरार हुए हमलावर, तीन गिरफ़्तार
घटना के बाद आरोपी तुरंत मौके से फरार हो गए, लेकिन स्थानीय लोगों ने घायल सैफी को थाने पहुंचाया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तत्काल टीम को रवाना किया और मेडिकल परीक्षण के लिए सैफी को भेजा। पुलिस ने तीन नामजद आरोपियों के खिलाफ मारपीट और हमले का मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि बनी निशाना बनने की वजह?
जाहिद सैफी ने बताया कि उनके साले अशफ़ाक सैफी, जो उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं और भाजपा से जुड़े हैं, पहले ही इस बिल के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट कर चुके थे। इसी वजह से उन्हें भी धमकियाँ मिली थीं। सैफी का मानना है कि उनका भाजपा से जुड़ाव भी इस हमले की एक बड़ी वजह हो सकता है।
‘हमें बिल पर गर्व है’—सैफी
अपने बयान में सैफी ने स्पष्ट किया,
“हमें इस वक्फ संशोधन बिल पर गर्व है। यह उन माफियाओं पर लगाम लगाएगा जो वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं। हमें इस बात की खुशी है कि सरकार ने गरीबों का पक्ष लिया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने पुलिस से शिकायत कर दी है और पुलिस पूरा सहयोग कर रही है।
सोशल मीडिया पर गालियाँ और धमकियाँ
हमले के बाद अशफ़ाक सैफी ने सोशल मीडिया पर एक पत्र साझा करते हुए दावा किया कि उन्हें और उनके परिवार को गालियाँ दी जा रही हैं और जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं। उन्होंने प्रशासन से सुरक्षा की माँग की है।
यह घटना केवल एक राजनीतिक राय का इज़हार नहीं थी, बल्कि यह दिखाती है कि आज भी समाज में असहिष्णुता किस हद तक मौजूद है। वक्फ संशोधन बिल पर अलग-अलग मत हो सकते हैं, लेकिन किसी को अपनी बात कहने पर हिंसा झेलनी पड़े, यह लोकतंत्र के मूल्यों पर सवाल उठाता है।
➡️चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट