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2 February 2025 1:24 pm

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पाकिस्तान के मौलाना से बातचीत का वीडियो वायरल होने के बाद एक्शन ; मोहम्मद अकील की गिरफ्तारी से खुलेगा राज

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सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश का संभल एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार चर्चा का केंद्र बना है 24 वर्षीय मोहम्मद अकील, जिसे पुलिस ने भारत की एकता और अखंडता को खतरे में डालने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। मामला उस वक्त तूल पकड़ गया जब अकील ने पाकिस्तान के एक मौलाना मोहम्मद अली मिर्जा से ऑनलाइन बातचीत के दौरान पिछले साल नवंबर में संभल में हुई हिंसा को लेकर सवाल पूछा।

क्या है पूरा मामला?

संभल में नवंबर 2024 में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसा भड़क गई थी, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया था, जहां समाजवादी पार्टी (सपा) ने बीजेपी पर हिंसा को जानबूझकर बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।

मोहम्मद अकील ने 15 जनवरी 2025 को पाकिस्तान के मौलाना मोहम्मद अली मिर्जा से एक वीडियो कॉल के जरिए बातचीत की। इस दौरान उसने मौलाना से सवाल किया कि “संभल हिंसा में मारे गए लोगों को शहीद माना जाना चाहिए या नहीं?” यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और अकील को गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस की कार्रवाई: मुकदमा दर्ज कर भेजा जेल

संभल पुलिस ने अकील के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 152 के तहत मामला दर्ज किया। उसे मिर्जापुर नरुल्लापुर गांव से गिरफ्तार कर बहजोई थाने में लाया गया, जहां उसके खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज की गई। शुक्रवार को उसे स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

संभल के एएसपी श्रीश चंद्र ने बताया कि मोहम्मद अकील ने हिंसा के दौरान पुलिस की भूमिका को लेकर सवाल उठाए थे, जिससे कुछ लोगों की भावनाएं आहत हुईं और देश की छवि धूमिल हुई। पुलिस ने अकील के मोबाइल फोन और चैट रिकॉर्ड्स को जब्त कर लिया है और उनकी जांच की जा रही है।

क्या अकील का पाकिस्तानी संपर्क है?

पुलिस यह भी जांच कर रही है कि मोहम्मद अकील का पाकिस्तान में किसी अन्य व्यक्ति से संपर्क था या नहीं। साथ ही, यह भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं उसका संबंध नवंबर में हुई हिंसा से तो नहीं था।

इस मामले ने उत्तर प्रदेश की राजनीति को एक बार फिर गरमा दिया है। विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया का इंतजार है, जबकि प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी गतिविधि को देश की सुरक्षा के खिलाफ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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