चित्रकूट के कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय, तरांव में मिड डे मील योजना में बड़ा घोटाला! फर्जी छात्र संख्या दिखाकर सरकारी धन का गबन किया जा रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी की मिलीभगत से प्रधानाध्यापक की मनमानी जारी, जिला प्रशासन कब करेगा कार्रवाई? पढ़ें पूरी खबर!
चित्रकूट: जिले के कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय, तरांव में मिड डे मील योजना के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहाँ पर छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ाकर सरकारी धन का गबन किया जा रहा है।
कम उपस्थिति, फिर भी फुल हाजिरी!
ग्राम्य क्षेत्रों में कटाई के सीजन में छात्र उपस्थिति पहले से ही कम हो जाती है, लेकिन विद्यालय प्रशासन ने 50% से भी कम उपस्थिति के बावजूद 95% से अधिक उपस्थिति दर्ज कराई है। यही नहीं, 03 मार्च 2025 को 100% उपस्थिति दिखाना प्रधानाध्यापक की मनमानी और भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण है।
खंड शिक्षा अधिकारी की मिलीभगत?
सूत्रों के अनुसार, इस फर्जीवाड़े में खंड शिक्षा अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध है। विद्यालय में मिड डे मील योजना के चेक पर प्रधान सचिव द्वारा हस्ताक्षर न करने पर उन्हें फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी जा रही है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि प्रधानाध्यापक को उच्च अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है।
प्रधानाध्यापक पर लगातार उठते रहे हैं सवाल
विद्यालय के प्रधानाध्यापक पहले भी अपने विवादास्पद कारनामों की वजह से सुर्खियों में रहे हैं। स्थानीय लोगों और विद्यालय स्टाफ ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) से कई बार शिकायत की, लेकिन अधिकारी ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
जिला प्रशासन कब करेगा कार्रवाई?
मिड डे मील योजना में हो रहे इस बड़े घोटाले को लेकर लोगों में भारी रोष है। सवाल यह उठता है कि क्या जिला प्रशासन इस गंभीर भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच करेगा? और क्या प्रधानाध्यापक व संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी?
विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन योजना का उद्देश्य बच्चों को पोषण और शिक्षा से जोड़ना है, लेकिन ऐसे फर्जीवाड़े से यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो यह घोटाला और भी बढ़ सकता है।
➡️संजय सिंह राणा की रिपोर्ट