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अपराध

म्यांमार से लौटा युवक बोला – “जनाब, सुनहरे सपने दिखाए और…” थाने में मचा हड़कंप, बड़ा खुलासा

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लखनऊ पुलिस ने म्यांमार में नौकरी के नाम पर साइबर ठगी कराने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया। दो आरोपी गिरफ्तार, पांच की तलाश जारी। जानें कैसे फंसाते थे मासूम युवाओं को!

लखनऊ। विदेश में नौकरी का सपना दिखाकर लोगों को साइबर ठगी में धकेलने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। म्यांमार के म्यावाडी में बंधक बनाए गए पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गिरोह से जुड़े दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह के अन्य 5 सदस्यों की तलाश जारी है।

कैसे करते थे ठगी?

यह गिरोह मासूम युवाओं को बैंकॉक में डेटा एंट्री ऑपरेटर की आकर्षक नौकरी का झांसा देता था। लेकिन नौकरी के नाम पर उन्हें म्यांमार के म्यावाडी में ले जाकर साइबर ठगी करने के लिए मजबूर किया जाता था। इस गिरोह का संचालन बैंकॉक से किया जा रहा था, और भारत में इसके एजेंट लोगों को विदेश भेजने की सेटिंग करते थे।

लखनऊ के 5 युवक हुए थे शिकार

इस गिरोह ने लखनऊ के 5 युवकों को भी फंसाया था, जिन्हें म्यांमार के एक अपार्टमेंट में बंधक बनाकर साइबर ठगी करवाई गई। पुलिस की जांच में सामने आया कि इस गिरोह की जड़ें यूपी से लेकर बैंकॉक और म्यांमार तक फैली हुई हैं।

दो आरोपी गिरफ्तार, अन्य फरार

म्यांमार से लौटे पीड़ित सुल्तान सलाउद्दीन की शिकायत पर इंस्पेक्टर मदेयगंज राजेश सिंह ने केस दर्ज किया था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए खदरा निवासी मोहम्मद अहमद खान उर्फ भैया और जानकीपुरम निवासी जावेद इकबाल को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, गिरोह के जीशान खान, छोटू, समीर, नफीस और अशरफ अब भी फरार हैं।

ऐसे फंसाते थे शिकार

गिरोह के सदस्य सोशल मीडिया पर विदेश में नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को टारगेट करते थे। जब कोई शिकार जाल में फंस जाता, तो उसे बैंकॉक में 30 हजार थाई भात (करीब 77 हजार रुपये) महीने की नौकरी का ऑफर दिया जाता।

5 लाख रुपये लेकर भेजा बैंकॉक, फिर हुआ बंधक

पीड़ित सुल्तान ने बताया कि जावेद ने उसे बैंकॉक का वीजा और टिकट दिलाने के बदले 5 लाख रुपये लिए थे। लेकिन बैंकॉक पहुंचने के बाद उसे और अन्य युवाओं को बंधक बना लिया गया। वहां उन्हें पहले साइबर ठगी की ट्रेनिंग दी गई और फिर धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर किया गया।

बैंकॉक से चलता था पूरा नेटवर्क

गिरोह के सदस्यों ने खुलासा किया कि यह गैंग बैंकॉक से ऑपरेट होता था। भारत में एजेंट युवाओं को विदेश भेजते थे, जबकि बैंकॉक से म्यांमार तक उन्हें ले जाने का काम अलग टीम करती थी। यूपी में गिरोह का नेटवर्क चलाने वाला मुख्य शख्स रफात राही था, जो लोगों को विदेश भेजने का सौदा तय करता था।

पुलिस की कार्रवाई जारी

लखनऊ पश्चिम पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह ने अब तक सैकड़ों युवाओं को ठगी में धकेला होगा।

➡️ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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