चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
कानपुर के बर्रा इलाके में एक युवक ने साइबर ठग को उसी की चाल में फंसा लिया और उससे 9300 रुपये ठग लिए। यह ठग खुद को कभी सीबीआई अधिकारी, तो कभी नार्कोटिक्स डिपार्टमेंट का अफसर बताकर लोगों से पैसे ऐंठने का काम करता था।
कैसे हुआ पूरा घटनाक्रम?
बर्रा विश्वबैंक निवासी भूपेंद्र सिंह को 6 मार्च को एक फोन आया। कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी आनंद तिवारी बताते हुए कहा कि वह एक लड़की को अश्लील फोटो और वीडियो भेज रहे हैं। इतना ही नहीं, उसने दावा किया कि उनके पास 36 वीडियो और 10 फोटो हैं, जो पुलिस के पास पहुंच चुके हैं।
इसके बाद ठग ने धमकी दी कि एफआईआर दर्ज हो चुकी है और पुलिस टीम उनके घर पहुंचने वाली है। ठग ने व्हाट्सएप पर साइबर पुलिस का लोगो लगा हुआ पत्र और सीबीआई की वर्दी पहने एक व्यक्ति की तस्वीर भी भेजी।
हालांकि, भूपेंद्र समझ गए कि यह साइबर ठगी का मामला है। इसलिए उन्होंने ठग को ही उल्टा झांसे में फंसा लिया।
कैसे ठग से वसूले 9300 रुपये?
भूपेंद्र ने ठग को बताया कि वह नाबालिग हैं और अभी 10वीं की परीक्षा दे रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने डरने का नाटक करते हुए कहा कि अगर घरवालों को पता चला तो वे नाराज होंगे। इसके बाद उन्होंने ठग को पैसे देने के बहाने अपनी चालाकी दिखानी शुरू की।
1. पहला जाल: भूपेंद्र ने कहा कि उनकी मां की सोने की चेन एक सुनार के पास गिरवी रखी है, जिसकी कीमत 1 लाख रुपये है। इसे छुड़ाने के लिए उन्हें 3,000 रुपये की जरूरत है। ठग ने बिना सोचे-समझे उनके खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए।
2. दूसरा जाल: ठग को विश्वास दिलाने के लिए भूपेंद्र ने एक दोस्त से सुनार बनकर बात करवाई। फिर अगली बार, दूसरी चेन बेचने के नाम पर 3,500 रुपये और डलवा लिए।
3. अंतिम वार: इसी तरह बहाने बनाकर उन्होंने कुल 9,300 रुपये ठग से वसूल लिए।
ठग ने रोते हुए कहा— ‘मैं साइबर स्लेव हूं!’
जब ठग को अहसास हुआ कि वह खुद ठगी का शिकार हो गया है, तो उसने रोते हुए भूपेंद्र से अपने पैसे वापस मांगे। उसने कहा, “मैं सिर्फ एक साइबर स्लेव हूं, मुझसे जबरन ठगी करवाई जाती है। अगर मेरे आकाओं को पता चला तो वे मुझे मार देंगे।”
गौरतलब है कि हाल ही में म्यांमार से 231 भारतीयों को छुड़ाया गया है, जिनसे बंधक बनाकर साइबर ठगी करवाई जा रही थी। आशंका है कि यह ठग भी किसी अंतरराष्ट्रीय गिरोह का हिस्सा हो सकता है।
इस घटना से एक महत्वपूर्ण सीख मिलती है कि साइबर अपराधी तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर लोगों को फंसाने की कोशिश करते हैं। लेकिन सतर्कता और सूझबूझ से न केवल ठगी से बचा जा सकता है, बल्कि ठगों को उनके ही जाल में फंसाया भी जा सकता है।
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(नोट: अगर आपको भी इस तरह के कॉल या संदेश मिलते हैं, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं।)

Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की