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25 February 2025 4:06 am

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रियाल का लालच देकर लूट लेते थे अरमानों को, ठगी करने वाला गिरोह का बांग्लादेशी कनेक्शन 

14 पाठकों ने अब तक पढा

ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

उन्नाव पुलिस ने रायबरेली के लालगंज कस्बे के कपड़ा व्यवसायी सोनू गुप्ता से रियाल का लालच देकर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने इस गिरोह के सरगना समेत पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है। एसपी दीपक भूकर के अनुसार, आरोपितों के पास मिले दस्तावेजों से उनके बांग्लादेशी होने की पुष्टि हुई है।

गिरोह के पास मिले दस्तावेज

गिरफ्तार आरोपितों में दो महिलाएं भी शामिल हैं। आरोपितों के पास से पुलिस को बांग्लादेशी पहचान पत्र, पासपोर्ट, भारत और बांग्लादेश का वीजा, दिल्ली के पते से बना आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज मिले हैं। सभी आरोपित उन्नाव में अलग-अलग जगह किराए के कमरों में रह रहे थे। इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी है।

कैसे हुई ठगी?

रायबरेली के लालगंज कस्बे में कपड़ा व्यवसायी सोनू गुप्ता की दुकान है। एक महिला पहले उसकी दुकान पर आई और 600-700 रुपये के कपड़े खरीदे। भुगतान के लिए उसने 50 रियाल का नोट दिया। सोनू ने परिचितों से जानकारी ली तो पता चला कि 50 रियाल की भारतीय मुद्रा में कीमत 1,155 रुपये है। इस पर उसने बिना संदेह किए भुगतान स्वीकार कर लिया। अगले दिन वही महिला फिर आई और 50 रियाल के 1,500 नोट के बदले भारतीय मुद्रा देने का प्रस्ताव रखा।

लालच में फंसा दुकानदार

करीब 15 लाख रुपये के मुनाफे के लालच में सोनू ने 1.55 लाख रुपये में सौदा तय कर लिया। 21 फरवरी को आरोपितों ने उसे बीघापुर कस्बे के पास बुलाया। वहां दो युवक मिले, जिन्होंने पैसे लेकर उसे एक बैग दिया। जब सोनू ने बैग खोला, तो उसमें ऊपर दो असली रियाल के नोट थे, लेकिन नीचे कागज के टुकड़े निकले। ठगी का एहसास होते ही सोनू ने बीघापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया।

पुलिस ने ऐसे पकड़ा गिरोह

एसपी दीपक भूकर के निर्देश पर स्वाट और सर्विलांस टीम ने जांच शुरू की। सोनू ने टप्पेबाजों के एक मोबाइल नंबर की जानकारी पुलिस को दी। सर्विलांस के जरिए यह नंबर सफीपुर के एक युवक से जुड़ा मिला। पुलिस ने युवक से पूछताछ कर पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।

ठग गैंग के गिरफ्तार सदस्यों के साथ पुलिस टीम

गिरफ्तार आरोपितों की पहचान

गिरफ्तार आरोपितों में अब्दुल जलील, उसकी पत्नी अफरोजा, मिंटू, मिंटू की पत्नी हमीदा और मासूम मुल्ला शामिल हैं। ये सभी पश्चिम बंगाल और मथुरा के विभिन्न पते से जुड़े हैं। इनके पास से 11 कीपैड और स्मार्टफोन, छह सिम कार्ड, जिसमें एक बांग्लादेशी स्किटो कंपनी का है, और बांग्लादेश से जुड़े अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

बांग्लादेशी कनेक्शन

पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह के सरगना जलील का परिवार बांग्लादेश में रहता है और उसका बेटा वहां कपड़े का कारोबार करता है। इसके अलावा, जलील और अफरोजा का इस्लामिक बैंक ऑफ बांग्लादेश में खाता भी है, जहां वे भारत से पैसे ट्रांसफर करते थे। आरोपित एक मोबाइल सिम से एक बार ही ठगी करते थे और फिर उसे छोड़ देते थे ताकि पुलिस उन तक न पहुंच सके।

आसान पहचान पत्र और संदिग्ध गतिविधियां

गिरोह के सदस्य भारत में अवैध रूप से घुसपैठ कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर रहे थे। पुलिस जांच में सामने आया कि जलील ने दिल्ली के पते से आधार और वोटर आईडी कार्ड बनवा रखा था। मकान मालिक बिना गहन जांच किए आधार कार्ड के आधार पर उन्हें किराए पर कमरा दे देते थे, जिससे उनकी पहचान करना मुश्किल हो जाता था।

पुलिस की कार्रवाई जारी

एसपी दीपक भूकर ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। गिरोह के सदस्यों पर पहले भी ठगी और चोरी के कई मामले दर्ज हैं। मामले का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 25,000 रुपये इनाम देने की घोषणा की गई है।

यह मामला एक बार फिर से दिखाता है कि ठगी के नए-नए तरीके अपनाकर अपराधी आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। ऐसे मामलों से बचने के लिए सतर्कता और पुलिस की सक्रियता बेहद जरूरी है।

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