चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
यहां मुरादाबाद के सिविल लाइंस क्षेत्र में हुए 400 केवीए ट्रांसफार्मर चोरी मामले का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में सामने आया कि इस बड़े चोरी कांड का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि खुद बिजली विभाग का ठेकेदार निकला।
कैसे हुआ ट्रांसफार्मर चोरी का खुलासा?
दरअसल, 13 जनवरी को सिविल लाइंस सीओ कार्यालय के सामने से एक 400 केवीए ट्रांसफार्मर चोरी हो गया था। आश्चर्यजनक रूप से, अवर अभियंता विरेंद्र सिंह इस मामले को छिपाने की कोशिश कर रहे थे। मामला जब सुर्खियों में आया, तब 21 फरवरी को बिजली विभाग के अधिकारियों ने सिविल लाइंस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने जब जांच शुरू की, तो चोरी की पूरी कहानी चौंकाने वाली निकली।
बिजली विभाग का ठेकेदार निकला गैंग का सरगना
जांच में पता चला कि ट्रांसफार्मर चोरी की पूरी साजिश सतपाल नामक ठेकेदार ने रची थी, जो अमरोहा जिले के नौगवा सादात स्थित अकबरपुर पट्टी का निवासी है। वह अपने भाई नीरज कुमार और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर बिजली के उपकरण चोरी करने का संगठित गिरोह चला रहा था।
फर्जी अवर अभियंता बनकर करता था वारदात
नीरज कुमार खुद को बिजली विभाग का अवर अभियंता बताकर चोरी को अंजाम देता था। वह जेसीबी मशीन और अन्य उपकरणों के साथ मौके पर पहुंचता और बिना किसी संदेह के ट्रांसफार्मर को चोरी करवा लेता था। गिरोह में एक कबाड़ी और दो मैकेनिक भी शामिल थे, जो ट्रांसफार्मर के नट-बोल्ट खोलकर उसे वाहन में लोड कर देते थे।
गिरोह की गिरफ्तारी और बरामदगी
पुलिस ने गैंग के छह आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें शामिल हैं:
नीरज कुमार (मुख्य अभियुक्त का भाई), सरताज अली, असलम, इमरान अली, सलीम, बंटी।
गिरफ्तार किए गए अपराधियों के पास से एक अर्टिगा कार, एक पिकअप, ट्रांसफार्मर, ट्रांसफार्मर का तेल और अन्य उपकरण बरामद किए गए हैं। हालांकि, गैंग का मुख्य सरगना सतपाल अभी फरार है, जिसे पकड़ने के लिए पुलिस प्रयास कर रही है।
गिरोह ने कई जिलों में की चोरी
यह गिरोह सिर्फ मुरादाबाद में ही नहीं, बल्कि अमरोहा, बिजनौर और रामपुर में भी बिजली उपकरणों की चोरी कर चुका है।
20-21 फरवरी को बिजनौर के नूरपुर-स्योहरा रोड रेलवे फाटक के पास से 250 केवीए का ट्रांसफार्मर चोरी किया गया था।
अमरोहा के विभिन्न गांवों से कई ट्रांसफार्मर चोरी कर बेचे जा चुके हैं।
2023 में कटघर थाना क्षेत्र के मुस्ताफाबाद गांव से भी ट्रांसफार्मर चोरी किया गया था।
कैसे करता था गिरोह चोरी?
सतपाल अपने बिजली विभाग के ठेकेदारी अनुभव के चलते हर इलाके के ट्रांसफार्मर और तारों की पूरी जानकारी रखता था।
वारदात से पहले एक हफ्ते तक रेकी की जाती थी।
फिर जेसीबी और टीम के साथ मौके पर पहुंचकर ट्रांसफार्मर को उतार लिया जाता था।
नीरज कुमार फर्जी अवर अभियंता बनकर टीम को निर्देश देता, जिससे लोग समझते कि बिजली विभाग का वैध कार्य चल रहा है।
चोरी किए गए ट्रांसफार्मर और उपकरणों को अमरोहा के जोया रोड स्थित एक गोदाम में छिपाया जाता था।
फिर सलीम और बंटी ट्रांसफार्मर खोलकर उसके पुर्जे निकालते थे, जिन्हें असलम कबाड़ी को बेच दिया जाता था।
पुलिस का बयान और आगे की कार्रवाई
एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि गिरोह के छह आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है और फरार सरगना सतपाल को जल्द ही पकड़ा जाएगा।
यह मामला साबित करता है कि अपराधी अब संगठित और योजनाबद्ध तरीकों से वारदात को अंजाम दे रहे हैं। हालांकि, पुलिस की तत्परता और जांच प्रक्रिया ने इस बड़े गिरोह का पर्दाफाश कर दिया। अब देखना होगा कि फरार सरगना सतपाल कब गिरफ्तार होता है और इस गैंग के अन्य राज कब सामने आते हैं।
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Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की