अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर दिया बड़ा बयान, जिससे यूपी की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। सपा प्रमुख ने सरकार पर बिजली, रोजगार और व्यापार जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया। जानिए पूरा मामला!
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने नवरात्रि के दौरान अवैध बूचड़खानों को बंद करने और धार्मिक स्थलों के 500 मीटर के दायरे में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के कड़े निर्देश जारी किए हैं।
शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने सभी जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों और नगर आयुक्तों को इस आदेश का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
रामनवमी पर राज्यभर में मांस बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध
इसके अलावा, आगामी रामनवमी (6 अप्रैल, 2025) को पूरे उत्तर प्रदेश में पशु वध और मांस बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लागू रहेगा। सरकार ने यूपी नगर निगम अधिनियम, 1959 और खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2006 व 2011 के तहत उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
राजनीति गरमाई, अखिलेश यादव ने साधा निशाना
इस फैसले पर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने 30 मार्च को योगी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार बिजली, व्यापार और रोजगार जैसे बुनियादी मुद्दों से ध्यान हटाकर धर्म केंद्रित राजनीति कर रही है।
उन्होंने कहा,
“योगी होना विचारों और काम से परिभाषित होता है, न कि पहनावे से।”
बुनियादी समस्याओं से ध्यान हटाने की कोशिश
अखिलेश यादव ने सवाल उठाते हुए कहा,
“उत्तर प्रदेश में असली समस्याएं बिजली, व्यापार और रोजगार हैं। सरकार धार्मिक मुद्दों को उठाकर जनता को भटकाना चाहती है ताकि लोग इन बुनियादी सवालों पर बात ही न करें।”
“उत्तर प्रदेश की देखभाल करने वाला कोई नहीं” – अखिलेश
लखनऊ में इफ्तार पार्टी के दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा,
“सरकार इसे स्वीकार नहीं करेगी, लेकिन सरकारी आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति सबसे खराब है। इस राज्य की देखभाल करने वाला कोई नहीं है।”
पिछले 8 साल कन्नौज के लिए हानिकारक
बीते बुधवार को अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले आठ साल कन्नौज के विकास के लिए हानिकारक रहे हैं। उन्होंने सरकार के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को दिखावा बताते हुए कहा कि यूपी पुलिस को अपने ही एक आईएएस अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी पड़ी।
भाजपा सरकार की पारदर्शिता पर सवाल
सपा प्रमुख ने कहा कि यह पहला ऐसा प्रशासन है जहां खुद भाजपा के विधायक सरकार में बदलाव की मांग कर रहे हैं। उनकी यह टिप्पणी तब आई है जब भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश में अपने 8 साल पूरे कर चुकी है।
उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले से राज्य की राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। जहां सरकार इसे धार्मिक आस्थाओं का सम्मान और कानून व्यवस्था को सख्त बनाने का कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाने की रणनीति करार दे रहा है। अब देखने वाली बात होगी कि यह फैसला आम जनता पर कैसा प्रभाव डालता है और आगामी चुनावी माहौल पर इसका क्या असर पड़ता है।
➡️अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

Author: samachardarpan24
जिद है दुनिया जीतने की